हिमाचल दस्तक ब्यूरो। शिमला
राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान मानद विश्वविद्यालय जयपुर के प्रथम कार्यकारी कुलपति अर्थात वाइस चांसलर के रूप में केंद्र सरकार के आयुष मंत्रालय ने प्रोफेसर संजीव शर्मा को नियुक्त किया है। केंद्र सरकार के आयुष मंत्रालय के तहत आने वाले राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 13 नवंबर, 2020 को मानद विश्वविद्यालय के रूप में राष्ट्र को समर्पित किया था। यह संस्थान भारत का आयुर्वेद का एक उच्चतम संस्थान है और पहला राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान है।
हिमाचल के पपरोला से संबंध रखने वाले प्रो. संजीव शर्मा इस संस्थान के निदेशक के रूप में अपनी सेवाएं विगत लगभग साढ़े 4 वर्ष से दे रहे हैं। केंद्र सरकार के सहयोग एवं प्रो. संजीव शर्मा के परिश्रम से पूरे संस्थान के कर्मचारियों एवं अधिकारियों और छात्रों ने इस संस्थान को मानद विश्वविद्यालय के रूप में स्थापित किया। भारत में केंद्र सरकार का यह प्रथम मानद विवि आयुर्वेद के क्षेत्र में है।
राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान जयपुर में निदेशक के रूप में अपनी सेवाएं देने से पहले प्रो. संजीव शर्मा राजीव गांधी राजकीय आयुर्वेद स्नातकोत्तर आयुर्वेद महाविद्यालय में लगभग 24 वर्ष अपनी सेवाएं एक अध्यापक के रूप में विभिन्न पदों पर दी हैं। तदोपरांत संजीव शर्मा राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान के निदेशक के रूप में चयनित हुए।
मूलत: प्रोफेसर संजीव शर्मा जिला कांगड़ा के बैजनाथ खंड के टिकरी गांव से संबंध रखते हैं। राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान मानद विश्वविद्यालय जयपुर की प्रथम कुलपति के रूप में जिम्मेदारी मिलना एक गौरव का विषय है। प्रोफेसर संजीव शर्मा ने इस जिम्मेदारी के लिए केंद्र सरकार के आयुष मंत्रालय का आभार जताया है।