साहब वाटर गार्ड और जल रक्षक करता है बतमीजी
हिमाचल दस्तक, ललित ठाकुर। पधर
एक तरफ सिंचाई एवं जनस्वास्थ्य विभाग लोगों को शुद्ध जल पिलाने की बड़ी बड़ी बातें करता नहीं थकता वहीं दूसरी तरफ लोगों के नलके से पानी की एक बूंद भी नहीं टपक रही है। वहीं लोगों को विभाग द्वारा गंदे और कीड़े युक्त पानी की सप्लाई दी जा ही है। द्रंग विस क्षेत्र की ग्राम पंचायत बथेरी के माती, ठाह और खोबा गांव में पिछले पंद्रह दिनों से पानी की नियमित सप्लाई नहीं आ रहा है। जिस कारण गांव के लोगों को मजबूर होकर गांव की बावड़ियों का रुख करना पड़ रहा है।
गांव के किशन चंद, दूनी चंद, पूर्ण चंद, महेंद्र सिंह, धर्मू, मान सिंह, शफी मोहमद, बरकत अली, तुफाइल अल्ली और परवीन हाजरा ने बताया कि सिंचाई एवं जनस्वास्थ्य विभाग द्वारा तैनात किए गए वाटर गार्ड और जल रक्षक गांव को सही तरह से पानी की सप्लाई नहीं दे रहे हैं। और ना ही लाईन को चैक करने गांव आते हैं। किशन चंद ने बताया कि अगर फिटर और वाटर गार्ड से बात करें तो वे लोग अभद्र भाषा का प्रयोग करते हैं, और पंचायत प्रधान और मंत्री की धौंस दिखाते हैं। इतना ही नहीं गांव में कई लाइनें टूट चुकी हैं और विभागीय अधिकारी इस ओर कोई भी कार्यवाई नहीं कर रहे हैं।
पानी के सोर्स में नहीं डाली जाती क्लोरिन व ब्लीचिंग पाउडर
किशन चंद ने बताया कि विभाग द्वारा कभी भी पानी के सोर्स में ब्लीचिंग पाउडर और क्लोरिन की गोलियां सोर्स में नहीं डाली जाती। जिस कारण लोगों के नलके से जोकें निकल रही हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि विभाग द्वारा तैनात किए गए वाटर गार्ड और फिटर दो किमी की पाइप लाईन को कभी भी चेक नहीं करते जिस कारण लोगों को खुद अपने बलबूते पर फटी पाइपों को जोडऩा पड़ता है। लोगों ने बताया कि रछोनी सोर्स से माती, ठाह और खोबा गांव को पानी की सप्लाई आती है लेकिन गांव तक पानी नहीं पहुंच रहा है।
सुपरवाइजर कटौला हरि सिंह ने बताया कि जब-जब ग्रामीण पानी न आने की समस्या की कम्पलेंट करते थे तो फिटर और वाटर गार्ड को गांव भेजा जाता था। अभी दोबारा समस्या आई है तो आज छुट्टी के दिन भी फिटर को भेजा गया है। समस्या हल कर दी जाएगी।