विशेष संवाददाता शिमला
अब प्रदेश के दुर्गम क्षेत्रों में दवाइयां ड्रोन के माध्यम से पहुंचाई जाएगी। इस योजना को सरकार इसी महीने अंजाम तक पहुंचाएगी जिसकी प्रक्रिया को पूरा करने का काम चल रहा है। बताया जाता है कि नैशनल हैल्थ मिशन ऐसे दुर्गम क्षेत्र का चयन कर रहा है जहां पर सबसे पहले ड्रोन की सेवाएं ली जाएंगी।
दुर्गम क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को अब अपने छोटे इलाज के लिए शहरों का रुख नहीं करना पड़ेगा। घर द्वार पर ही उन्हें बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाएंगी। सर्दी, जुखाम, बुखार जैसी छोटी बीमारियों के इलाज के लिए उन्हें ड्रोन से दवाइयां पहुंचाई जाएगी। स्वास्थ्य विभाग, आईटी विभाग के साथ मिलकर इस तकनीक पर काम कर रहा है जो अपने अंतिम चरण में पहुंच गया है। स्वास्थ्य विभाग इस महीने के अंत तक इस तकनीक को ग्राउंड लेवल पर शुरू करने की तैयारी में है।
प्रदेश के किस दुर्गम क्षेत्र में ड्रोन तकनीक से लोगों तक दवाइयां पहुंचाई जाए, विभाग इसकी तैयारियों में लगा है। इसके अलावा विभाग इस बात को भी वर्क आउट कर रहा है कि ड्रोन तकनीक से किन-किन वस्तुओं की सप्लाई की जा सकती है और ड्रोन से रोगियों के कौन-कौन से सैंपल जांच के लिए लाए जा सकते हैं। विभाग पूरी तैयारी के साथ ड्रोन तकनीक पर काम शुरू करने की बात कर रहा है जिससे इसका लाभ लोगों के साथ-साथ विभाग को भी मिल सके।
एनएचएम के मिशन डायरेक्टर हेमराज बैरवा ने बताया कि इस महीने के अंत तक ड्रोन तकनीक से प्रदेश के दुर्गम क्षेत्रों में दवाइयों को पहुंचाने और सैंपल को लाने का काम शुरू कर दिया जाएगा। काम अपने अंतिम चरण में है।