टेकचंद वर्मा : शिमला
हिमाचल प्रदेश में सेब सहित अन्य फलों की करोड़ों की फसल सूखे व ओलावृष्टि से तबाह हो गई है। राज्य में सूखे व ओलावृष्टि से 25.13 करोड़ की फसल बर्बाद हो गई है। इससे राज्य में 11 हजार 631 बागवान प्रभावित हुए हैं। इनके समक्ष अब घर का खर्चा चलाने की चुनौती खड़ी हो गई है। पहाड़ी प्रदेश में अभी भी ड्राई स्पेल का सिलसिला जारी है। आगामी दिनों के दौरान अगर बारिश नहीं होती है तो 5 हजार करोड़ की सेब आर्थिकी पर खतरे के बादल मंडराते दिख रहे हैं। प्रदेश में मार्च व अप्रैल माह के दौरान नाममात्र बारिश हुई है। बारिश न होने से सेब की फसल सूखे की चपेट में आ गई है। राज्य के कुल्लू, चंबा, सोलन, शिमला व सिरमौर में सूखे का व्यापक असर देखने का मिल रहा है।
बागवानी विभाग ने 1 मार्च से 23 अप्रैल तक लगाए गए आकलन के तहत इन जिलों में सूखे के चलते 11.05 करोड की फल की फसल बर्बाद हो गई है। हालांकि प्रदेश में उक्त दो माह के दौरान नाममात्र बारिश रिकॉर्ड की गई है। मगर अप्रैल माह के शुरूआती दिनों में चंबा व जिला शिमला के कुछ स्थानों पर ओलावृष्टि हुई थी। इन दो जिलों में ओलावृष्टि ने भी जमकर कहर बरपा। ओलावृष्टि से 14.08 करोड़ का नुकसान हुआ है। जिला शिमला में ओलावृष्टि से रामपुर व चिडग़ांव में नुकसान हुआ है। जबकि चंबा में तीसा, सलूनी व भटियात में फसल पूरी तरह से तबाह हुई है। ओलावृष्टि से उक्त जिलों में 972 बागवान प्रभावित हुए हैं।
बागवानों को हुए नुकसान का आकलन करवाया गया है। इस बार बागवानी को सूखे से काफी नुकसान पहुंचा है जिसकी समीक्षा शनिवार को की जाएगी। केंद्र से भी मामला उठाया जाएगा।
-महेंद्र सिंह ठाकुर
बागवानी मंत्री।
कुल्लू में सबसे ज्यादा ३.२३ करोड़ का नुकसान
जिला बार आंकड़ों पर नजर दौड़ाएं तो कुल्लू जिला में सूखे के चलते बागवानी को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है। कुल्लू में 3.23 करोड़ की बागवानी तबाह हो गई है। इसके अलावा चंबा में 2.64 करोड़, सोलन में 2.45 करोड़, शिमला में 2.20 करोड़ और चंबा में बागवानी को 0.53 करोड के नुकसान का आकलन लगाया गया है।
सूखे की मार से संकट में हिमाचली सेब
हिमाचल प्रदेश का सेब सूखे से संकट में आ गया है। बारिश न होने से बगीचों में नमी खत्म हो गई है। ऐसे में पौधों से सेब सहित अन्य फलों के दाने झडऩे शुरू हो गए है। लगातार हो रही ड्रॉपिंग से बागवानों को खतरा है कि आगामी दिनों में कहीं पौधे पूरी तरह से खाली न हो जाएं।
बागवानों को सिंचाई की सलाह
सूखे को देखते हुए बागवानी विभाग ने बागवानों को सिंचाई करने की सलाह दी है। विशेषज्ञों ने सलाह दी है कि बागवान
माइक्रो इरीग्रेशन सिस्टम अपनाएं ताकि पौधों सहित फसल पर पडऩे वाले खतरे को कुछ हद तक टाला जा सके।