आज़ादी के 75 वर्षों के बाद भी हिमाचल के कई क्षेत्र अभी भी सडक़ों से वंचित है। हैरानी इस बात की है कि प्रदेश की राजधानी से 20 किलोमीटर की दूरी पर एक गांव बिना सडक़ के सुख – सुविधाओं से कोसों दूर है। शिमला: बायचरी पंचायत के गांव नेर में स्थानीय लोगों से बात करने पर पता चला कि सडक़ ना होने की वजह से उन्हें भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
सडक़ ना होने की वजह से किसी दुर्घटना की स्थिति में या किसी की तबीयत बिगडऩे पर मरीज़ को कंधो पे उठा कर दूसरे गांव तक ले जाना पड़ता है। और जो भी अनाज ,फल ,सब्जी उगाई जाती है उसे भी दूसरे गांव तक पैदल ले जाना पड़ता है। अब स्कूल या कॉलेज जाने वाले छात्रों की बात करे तो उन्हें भी 4 से 5 किलोमीटर तक पैदल यात्रा करनी पड़ती है।
ग्रामीणों का कहना है कि लोगों ने बताया कि गांव के घर दो पंचायत के अंदर आते हैं, एक पंचायत ब्याचरी और दूसरी पंचायत शामलाघाट। दोनों ही पंचायत के कार्यकर्ता केवल चुनाव के समय वोट की राजनीति करने आते हैं, सडक़ देने के वादे कर देते हैं और फिर चुनवा समाप्त होने के बाद इनकी समस्या का कोई हल नहीं निकाला गया है। ग्रामवासियों की सरकार से मांग हैं कि उन्हें सडक़ सुविधा जल्द से जल्द दी जाए ताकि उनकी जिंदगी आसान हो सके। साथ ही ग्राम वासियों ने कहा कि अगर उनकी मांग को नहीं पूरा किया गया तो वे आने वाले समय में चुनाव का बहिष्कार कर देंगे और किसी भी पार्टी को वोट नहीं देंगे।