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बागी आशीष सिक्टा ने लिया नाम वापस
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मुसाफिर, रीना और दयाल प्यारी में होगी मुख्य टक्कर
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चुनाव मैदान में रहे पांच प्रत्याशी
हिमाचल दस्तक। चंद्र ठाकुर/आरडी पराशर। नाहन/सराहां : प्रदेश विधानसभा उपचुनाव में पच्छाद विस क्षेत्र से पांच प्रत्याशियों के बीच सीट के लिए जंग होगी। वैसे तो रणभेरी में पांच प्रत्याशी है, मगर जंग मुख्य रूप से कांग्रेस प्रत्याशी जीआर मुसाफिर, भाजपा प्रत्याशी रीना कश्यप और भाजपा से बागी निर्दलीय प्रत्याशी दयाल प्यारी के बीच होगी। वीरवार को नामांकन वापस लेने के अंतिम दिन केवल निर्दली प्रत्याशी भाजपा से बागी आशीष सिक्टा ने नामांकन वापस लिया।
इस तरह अब कांग्रेस से जीआर मुसाफिर, भाजपा से रीना कश्यप और बतौर निर्दलीय दयाल प्यारी, सुरेंद्र पाल छिंदा और पवन कुमार चुनावी रण में हैं। पच्छाद भाजपा से बागी हुए निर्दलीय उम्मदीवार आशीष सिक्टा प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सतपाल सती, शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज, समाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डॉ. राजीव सहजल व भाजपा के वरिष्ठ नेता चंद्रमोहन ठाकुर की मौजूदगी में नामांकन वापस लिया।
हालांकि इस दौरान सिक्टा समर्थक उग्र हो गए हैं और उन्होंने आशीष सिक्टा के खिलाफ नारेबाजी भी की। समर्थकों ने सिक्टा मुर्दाबाद के नारे लगाए। आशीष सिक्टा ने इस मौके पर कहा कि वह संगठन में वर्षों से जुड़े हैं। उन्होंने अपने शीर्ष नेतृत्व से मिलने के उपरांत संगठन के हित में अपना नाम वापस लिया है। सहायक निर्वाचन अधिकारीएवं एसडीएम राजगढ़ नरेश वर्मा ने बताया कि वीरवार को नामांकन वापसी के आखिरी दिन निर्दलीय उम्मीदवार आशीष सिक्टा ने नामांकन वापस लिया है।
उन्होंने बताया कि अब कांग्रेस से जीआर मुसाफिर, भाजपा से रीना कश्यप और बतौर निर्दलीय प्रत्याशी दयाल प्यारी, सुरेंद्र पाल छिंदा और पवन कुमार चुनाव मैदान में है।
बड़े परिवार में छोटी मोटी बातें होती रहती हैं
भाजपा प्रदेशाध्यक्ष प्रदेश अध्यक्ष सतपाल सती ने कहा कि भाजपा बहुत बड़ा परिवार है। बडे परिवार में छोटी-मोटी बातें होती रहती है। उन्होंने कहा कि सिक्टा संगठन के कार्यकर्ता हैं और संगठन हित के लिए हमेशा कार्य करते रहेंगे। दयाल प्यारी के बारे में पूछे गए सवाल पर भाजपा प्रदेशाध्यक्ष ने कहा कि दयाल प्यारी से भी टिकट वापिस लेने के लिए आग्रह किया हुआ है। सत्ती ने साफ शब्दों में कहा पार्टी द्वारा किसी पर कोई भी दबाव नहीं डाला गया है।
दयाल प्यारी को मनाने की कोशिशें नाकाम
बता दें कि आशीष सिक्टा द्वारा नामाकंन पत्र भरने के दौरान पच्छाद के युवाओं द्वारा जिस प्रकार अपना शक्ति प्रदर्शन किया गया था। उससे प्रतीत होता था कि सिक्टा अपना नाम वापस नहीं लेगें। सिक्टा द्वारा अपना नाम वापस लेने से युवाओं में काफी निराशा हुई है। वर्ष 1982 के विधानसभा चुनाव के उपरांत पहली बार पच्छाद के लोगों द्वारा किसी आजाद प्रत्याशी को समर्थन देने का निर्णय लिया गया था। इसी प्रकार वर्ष 1982 में पच्छाद की जनता ने जीआर मुसाफिर को आजाद उम्मीदवार के रूप में विधानसभा में भेजा था। जबकि भाजपा से बागी हुईं दयाल प्यारी को गत दो दिनों से जारी मनाने की सारी कोशिशे असफल रही। बहरहाल अब पच्छाद उप चुनाव में अब कुल पांच उम्मीदवार मैदान में रह गए हैं।
प्रत्याशियों को जारी किए चुनाव चिन्ह
वीरवार को नामांकन वापसी के बाद प्रत्याशियों को चुनाव चिन्ह भी जारी कर दिए गए हैं। कांग्रेस प्रत्याशी जीआर मुसाफिर को हाथ, भाजपा प्रत्याशी रीना कश्यप को कमल का फूल, निर्दलीय दयाल प्यारी को टेलीफोन, निर्दलीय पवन कुमार को गैस सिलेंडर और निर्दलीय सुरेंद्र कुमार छिंदा को ट्रैक्टर चलाता किसान चुनाव चिन्ह जारी किया गया है।