भूपेंद्र ठाकुर। सोलन :
हिमाचल प्रदेश का पहला ईको फ्रेंडली पावर प्रोजेक्ट सलोगड़ा में स्थापित होने जा रहा है। अहमदाबाद की केसाटेग कंपनी अप्रैल से यहां पर कूड़े से बिजली उत्पादन करेगी। इस प्रोजेक्ट के लगने से न केवल नगर परिषद को आर्थिक लाभ होगा, बल्कि आसपास की कई पंचायतें भी रोशन होंगी।
जानकारी के अनुसार वर्तमान में सोलन से प्रतिदिन करीब दस टन कूड़ा शिमला भेजा जा रहा है। सोलन से शिमला तक कूड़ा ले जाने के लिए नगर परिषद को प्रतिदिन 15 से 20 हजार रुपए तक खर्च करने पड़ रहे हैं। बीते कई वर्षो से सोलन के कूड़े को शिमला पहुंचाया जा रहा है। प्रदेश सरकार द्वारा अहमदाबाद की केसाटेग कंपनी को सलोगड़ा कूड़ा सयंत्र में पावर प्रोजेक्ट लगाए जाने का कार्य दिया गया है। कंपनी द्वारा यहां पर करीब 40 करोड़ रुपये की लागत से प्रोजेक्ट स्थापित किया जा रहा है। बताया जा रहा है कि पांच मेगावाट बिजली का उत्पादन करने के लिए कंपनी को प्रतिदिन करीब बीस टन कूड़े की अवश्यकता होगी।
फिलहाल दस टन कूड़ा नप दे पा रही है। ऐसे में आसपास की पंचायतों से भी कूड़े को एकत्रित किया जा सकता है। फिलहाल कंपनी ने प्रदेश सरकार के अर्बन विभाग को आवेदन दिया है। औपचारिकतांए पूरी होने के बाद ही प्रोजेक्ट को स्थापित किए जाने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। केसाटेग कंपनी के निदेशक चिंतन चौधरी ने बताया कि फिलहाल सलोगड़ा में ही वैस्ट टू इलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट स्थापित किया जा रहा है।
इसके बाद हिमाचल प्रदेश के शिमला, मंडी तथा धर्मशाला में भी पावर प्रोजेक्ट लगाए जाने की योजना है। नगर परिषद अध्यक्ष देवेंद्र ठाकुर ने बताया कि अप्रैल माह से कंपनी द्वारा सलोगड़ा में कूड़ा सयंत्र से बिजली का उत्पादन शुरू किया जा सकता है। इन दिनों कागजी औपचारिकतांए पूरी की जा रही हैं।
ऐसे बनेगी कूड़े से बिजली
कूड़े से बिजली बनाए जाने की प्रक्रिया को आधुनिक मशीनों के माध्यम से संभव किया जा सकेगा। सबसे पहले मशीन द्वारा कूड़े से पत्थर व ईंट आदि को अलग किया जाएगा। इसके बाद कूड़े को एक चैंबर में डाला जाएगा, जिसका तापमान 1000 डिग्री सेल्सियस होगा। चैंबर से पैदा होने वाली हीट टरबाइन को घूमाने का कार्य करेगी जिससे बिजली का उत्पादन होगा। खास बात यह है कि इस पावर प्रोजेक्ट में प्रदूषण जीरो प्रतिशत होगा।