राजीव भनोट, ऊना:
हिमाचल प्रदेश स्टेट इलेक्ट्रीसिटी बोर्ड कर्मचारी यूनियन ऊना यूनिट के कर्मचारियों और पेंशनर्स ने बुधवार को रक्कड़ स्थित बोर्ड के रेस्ट हाऊस प्रागण में बिजली कानून 2003 के संशोधनों के खिलाफ रोष और धरना प्रदर्शन किया।
यूनियन के जिलाध्यक्ष श्याम लाल डंगोली, सचिव मनीष कुमार शर्मा ने बताया कि कानून के यह संशोधन 2014 से संसद में लंबित हैं, लेकिन अब केंद्र सरकार इस पर अध्यादेश लाकर इसे कानून बनाने की तैयारी में है। जबकि इन संशोधनों के खिलाफ पहले ही राज्यों से आवाज उठ रही है, इतना ही नहीं प्रदेश सरकारें भी इन संशोधनों पर असहमति जता चुकी हैं। वहीं पूरे देश में बिजली कर्मचारी इसके खिलाफ आंदोलनरत हैं। बोर्ड कर्मचारियों का कहना है कि इसके पारित हो जाने से बिजली वितरण में कार्य कर रही कंपनियों को दो या इससे अधिक कंपनियो में बांटना अनिवार्य होगा तथा बिजली वितरण के मुनाफे वाले क्षेत्रों को निजी हाथों में देने का रास्ता प्रशस्त हो जाएगा।
कर्मचारियों ने आरोप लगाया की बिजली कानून 2003 को ऊर्जा क्षेत्र की भागीदारी के उदेश्य से लाया गया था। लेकिन इसके परिणाम सभी राज्यों में पूर्ण रूप से नकरात्मक रहे और सरकार को भी इसका अहसास हो चुका है, लेकिन केंद्र सरकार इसकी समीक्षा करने के बजाय सरकारी बिजली वितरण कंपनियों को तहस-नहस करने तथा इसमें निजी क्षेत्र की कंपनियो को बढ़ाबा देने के लिए एक नया कानून बनाने की दिशा में आगे बढ़ रही है। इस कानून के पारित हो जाने से सबसे अधिक खामियाजा हिमाचल जैसे भौगोलिक परिस्थिति वाले राज्यों की जनता को भुगतना पड़ेगा।
हिप्र राज्य बिजली बोर्ड के पुनर्गठन के समय उत्पादन, संचार व वितरण के कार्यो को एक कंपनी के पास ही रखा गया था और जिसका लाभ प्रदेश की जनता को सुचारु विद्युत आपूर्ति व सस्ती विद्युत दरों के रूप में मिल रहा है। लेकिन नए कानून के प्रभाव में आने से बोर्ड विघटित होकर सभी कार्य तो अलग-अलग होंगे ही अपितु वितरण का कार्य भी छोटी-छोटी कंपनियो में बंट जाएगा और औद्योगिक व अन्य राजस्व वाले क्षेत्र निजी हाथों में चले जाएंगे। इस संशोधित विधेयक के पारित हो जाने से खास सब्सिडी खत्म हो जाएगी, जिससे बिजली दरें आपूर्ति की लागत के हिसाब से तय होंगी और प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में विद्युत दरों में कई गुणा बढ़ौतरी होगी। इस दौैरान जोनल सचिव मनजिंद्र सिंह, जिला संगठन सचिव विजय, गगरेट जोन से राजेश गर्ग और महेश सिंह भी मौजूद रहे।