मस्तराम डलैल : शिमला
हिमाचल प्रदेश में ओल्ड पेंशन स्कीम (ओपीएस) की बहाली के लिए संघर्षरत राज्य के हजारों कर्मचारियों को मुख्यमंत्री ने दो टूक नसीहत दी है। राज्यपाल के अभिभाषण की चर्चा का जवाब देते हुए सीएम ने कहा कि आंदोलित होकर कुछ हासिल नहीं होगा। कर्मचारी किसी की कठपुतली न बनें। शांति से बात रखेंगे तो जरूर समस्याओं का समाधान निकालेंगे।
सीएम ने पदयात्रा कर रहे कर्मचारियों से अपील करते हुए कहा कि आंदोलन छोड़कर बातचीत के लिए आगे आएं। इस आधार पर ओपीएस की बहाली के लिए ईमानदारी से प्रयास किए जाएंगे। उन्होंने इस दौरान कर्मचारियों को विपक्ष के हाथों की कठपुतली न बनने की सलाह दी। साथ ही यह भी कहा कि उनकी सरकार ने राज्य में बदला-बदली की संस्कृति खत्म की है। मुख्यमंत्री विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण पर लाए गए धन्यवाद प्रस्ताव पर हुई चर्चा का जवाब दे रहे थे।
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने राज्य के सभी कर्मचारी वर्गों से अपील की कि वे हर मुद्दे पर सरकार से बातचीत करें, ताकि उनकी मांगें हल हो सकें। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार हमेशा ही कर्मचारी हितैषी रही है और कर्मचारियों के हर वर्ग के पक्ष में सरकार ने फैसले लिए हैं।
उन्होंने विपक्ष पर कर्मचारियों के अलग-अलग वर्गों को भड़काने का प्रयास करने का आरोप लगाया और कहा कि यह ठीक नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकार ने कर्मचारियों को हर वह लाभ दिया है, जो उन्हें मिलना चाहिए। कोविड काल में सरकार ने कर्मचारियों के वेतन में एक दिन की भी देर नहीं होने दी। इसके विपरीत कई राज्यों में कर्मचारियों का न केवल वेतन काटा गया, बल्कि उन्हें समय पर भी वेतन नहीं मिल रहा है।
जयराम ठाकुर ने कहा कि उनकी सरकार ने ही पीटीए और एसएमसी जैसे मुद्दों को न केवल सफलता से सुलझाया है, बल्कि इन मामलों में सरकार अदालत में भी कर्मचारियों के साथ खड़ी हुई। उन्होंने करुणामूलक आधार पर नौकरी के लिए आंदोलन कर रहे लोगों से धरना समाप्त कर सरकार से बातचीत की अपील की। उन्होंने कहा कि सरकार के पास चतुर्थ श्रेणी के एक हजार पद खाली हैं और करुणामूलक आधार पर नौकरी चाह रहा उम्मीदवार यदि इन पदों के लिए विकल्प देता है तो उसे तुरंत नौकरी दे दी जाएगी।
आंदोलन हर समस्या का समाधान नहीं
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि कर्मचारियों की कुछ मांगें जायज हैं और उन पर विचार भी होगा, मगर आंदोलन से ही हर समस्या का समाधान निकले यह सही नहीं है। उन्होंने कहा कि कर्मचारी शांतिपूर्ण तरीके से बात करें। हम ईमानदारी से उनकी मांगों को हल करने का प्रयास करेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि कर्मचारी आंदोलन का रास्ता छोड़ें और बातचीत के लिए आगे आएं, ताकि कोई रास्ता निकल सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस तरह से आंदोलन करेंगे तो कुछ भी हासिल नहीं होगा।
ओपीएस मामला सुलझाने को सरकार ने बनाई कमेटी
विशेष संवाददाता : शिमला ओल्ड पेंशन स्कीम (ओपीएस) की बहाली के लिए संघर्षरत राज्य के हजारों कर्मचारियों को इस मसले के सुलझने की उम्मीद जग गई है। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के विधानसभा में पुरानी पेंशन योजना की बहाली के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय कमेटी गठित की घोषणा करने के बाद इसके गठन के आदेश जारी कर दिए हैं।
मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक कमेटी गठित कर दी है जिसमें तीन अन्य सदस्यों को शामिल किया गया है। इनमें एसीएस कार्मिक, एसीएस वित्त और विशेष सचिव वित्त को शामिल किया गया है। इस संबंध में बुधवार देर शाम को अधिसूचना जारी की गई है। कमेटी एनपीएस में लगे कर्मचारियों की समस्याओं को सुनेगी। ये सभी कर्मचारी 2003 के बाद लगे हैं। यह कमेटी इन कर्मचारियों की समस्याओं को सुनने के बाद अपनी सिफरिशों सरकार को देगी।
वीरवार को प्रदेशभर के एनपीएस कर्मचारियों का धरना शिमला में होने जा रहा है। इसे लेकर संभावना जताई जा रही है कि हजारों की संख्या में कर्मचारी यहां पर पहुंचेंगे। हालांकि सभी विभागों ने इस धरने में शामिल होने से पहले अपने कर्मचारियों की छुट्टी पर रोक लगा दी है। बावजूद इसके बड़ी संख्या में कर्मचारी शिमला पहुंच चुके हैं। ऐसे में सरकार ने उच्च स्तरीय कमेटी बना कर उन्हें शांत करने की कोशिश की है। कमेटी कर्मचारियों के प्रतिनिधियों से बात करके उनकी राय लेगी और ओपीएस पर पडऩे वाले वित्तीय भार का आकलन करेगी।