विजय शर्मा : सुंदर नगर।
दुनिया को अलविदा कहकर भी हिमाचल प्रदेश के सुंदरनगर की रहने वाली 43 वर्षीय निशा ठाकुर 5 लोगों को नया जीवन दे गई। निशा ठाकुर के ब्रेन डेड घोषित होने के बाद पति ने उनके अंगदान का फैसला लिया, जिसके बाद उनकी दोनों किडनी, अग्नाशय और दोनों कॉर्निया पीजीआई की प्रतीक्षा सूची में शामिल मरीजों में दी गई। जबकि हृदय को ग्रीन कॉरिडोर बनाकर समय रहते एम्स दिल्ली पहुंचाया गया और वहां एक भर्ती मरीज में प्रत्यारोपित किया गया है। वहीं अब निशा का दिल दुनिया को अलविदा कहने के बाद भी उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में धड़कता रहेगा।
जानकारी के अनुसार 2 जनवरी 2022 को निशा ठाकुर अपने पति के साथ स्कूटर पर सवार हो कर जा रही थीं। उसी दौरान एक राहगीर को बचाने के चक्कर मे उनके पति ने अचानक ब्रेक लगाया और निशा झटके से नीचे गिर गईं। इससे निशा घायल हो गई औऱ उनके सिर पर गंभीर चोटें आई। निशा को तुरंत मोहाली के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां स्थिति बिगड़ने पर उन्हें पीजीआई रेफर कर दिया गया। लेकिन पीजीआई में इलाज के दौरान चिकित्सकों ने 5 जनवरी को निशा को ब्रेन डेड घोषित किया गया। इसके बाद उनके पति दिनेश ठाकुर ने अपनी पत्नी के अंगदान का निर्णय लिया।
गाजियाबाद के जरूरतमंद मरीज में प्रत्यारोपित हुआ हृदय
पीजीआई के चिकित्सा अधीक्षक व रोटो के नोडल अधिकारी प्रो. विपिन कौशल के अनुसार क्रॉस मैचिंग के बाद हृदय का मिलान न होने पर तुरंत अन्य अस्पतालों से संपर्क किया गया। इसके बाद हृदय को एम्स नई दिल्ली में भर्ती उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद निवासी 39 वर्षीय हृदय रोगी को प्रत्यारोपित करने के लिए ग्रीन कॉरिडोर के जरिए से चंडीगढ़ हवाई अड्डे पर पहुंचाया गया, जहां से उसे हवाई जहाज से दिल्ली भेजा गया। उधर, निशा का हृदय प्राप्त करने वाले परिवार का कहना है कि उस अंगदाता ने हमारे परिवार के सदस्य को दूसरी जिंदगी दी है। परिवार इस अमूल्य दान को शब्दों में बयां नही कर पा रहा है। लेकिन जो भी हो मौत के बाद भी निशा 5 लोगों को जिंदगी दे गई है और वही उनके पति के इस कदम की हर और सराहना की जा रही है।