शकील कुरैशी। शिमला
हिमाचल प्रदेश में कोरोना संक्रमण से जान गंवा चुके लोगों के परिवारों को सरकार बड़ी राहत देने की तैयारी में है। इस मामले में आदेश दिए गए हैं कि यदि कोरोना का डेथ सर्टिफिकेट किसी के पास नहीं है तो वह भी अपना आवेदन कर सकता है। ऐसे आरोप लगते रहे हैं कि अधिकांश लोगों को कोरोना डेथ का सर्टिफिकेट नहीं दिया गया है।
विपक्ष ने ऐसे आरोप सरकार पर लगाए हैं और ऐसे में अब उन सभी लोगों को आवेदन करने के साथ दावे पेश करने को कहा गया है। इसके लिए जिला स्तर पर कमेटियों का गठन किया गया है। जो आवेदन इन कमेटियों के पास आएंगे उनको कमेटी वैरीफाई करेगी। वेरीफिकेशन के बाद ही मुआवजा दिया जा सकेगा। जानकारी के अनुसार सरकार के आपदा राहत विंग ने जिलाधीशों को मुआवजा देने के लिए पैसा रिलीज कर दिया है। आपदा राहत कोष से 17.44 करोड़ रुपये की राशि जारी कर दी गई है। इसके अलावा जिलाधीशों के पास आपदा राहत का पैसा बचा हुआ है जिसे वे खर्च कर सकते हैं।
कोरोना से जान गंवाने वालों के परिजनों को 50-50 हजार रुपये की मुआवजा राशि देने का आदेश सुप्रीम कोर्ट ने दिया है। इस मामले में अभी प्रदेश सरकार तय कर रही थी कि आखिर कब से यह राशि देनी है, मगर अब फैसला ले लिया गया है कि सभी मृतकों के परिवारों को मुआवजा राशि दी जाएगी। राज्य में कोरोना से मरने वालों का कुल आंकड़ा अभी 3715 तक पहुंच गया है। कोरोना महामारी ने पिछले साल से अपना कहर बरपाना शुरू किया था।
हिमाचल में मार्च 2020 में कोरोना से मौत का पहला मामला सामने आया था। अभी कोरोना की दूसरी लहर चल रही है और तीसरी लहर भी संभावित है। कोरोना से मौत होने के बाद जो डेथ सर्टिफिकेट जारी हुए हैं उनमें मौत का कारण कोरोना नहीं लिखा गया था। कइयों के डेथ सर्टिफिकेट मिले भी नहीं हैं। अस्पतालों में पहले व्यवस्था काफी उथल-पुथल थी। इसे लेकर विधानसभा में भी खूब हंगामा हो चुका है। विपक्ष के विधायकों ने अपने-अपने क्षेत्रों के हालात बयां किए थे, मगर मामला जस का तस था।
सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों पर सरकार ने सभी जिलों को मुआवजा देने के लिए आपदा राहत कोष से पैसा जारी किया है। इसके साथ व्यवस्था की है कि जिसके पास डेथ सर्टिफिकेट नहीं होगा वे परिवार भी अपने आवेदन व दावे पेश कर सकते हैं। उनको भी राहत राशि दी जाएगी।
– सुदेश कुमार मोखटा विशेष सचिव, आपदा राहत