विजिलेंस जांच में सहयोग न किया तो रद होगी अग्रिम जमानत
हिमाचल दस्तक ब्यूरो। शिमला: प्रदेश हाईकोर्ट में पूर्व पुलिस आलाधिकारी की बहू हरप्रिया मन्हास की अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई 31 अक्तूबर के लिए टल गई। न्यायाधीश संदीप शर्मा ने धोखाधड़ी की आरोपी हरप्रिया मन्हास को हिदायत दी कि वह जांच में पूर्ण सहयोग करें अन्यथा उसे मिली अग्रिम जमानत रद की जा सकती है।
हरप्रिया मन्हास पर राज्य सतर्कता व भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो थाना ऊना में भारतीय दंड संहिता की धारा 420, 465, 467, 471 और 34 और आईटी एक्ट की धारा 61 के तहत 5 सितंबर को प्राथमिकी दर्ज की गई थी। हरप्रिया को हाईकोर्ट से अंतरिम अग्रिम जमानत मिली हुई है।
जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से कोर्ट को बताया गया था कि आरोपी जांच में शामिल तो हो गई है, परंतु सहयोग नहीं कर रही है। इस कारण मामले की जांच मुश्किल हो रही है। कोर्ट ने स्टेटस रिपोर्ट का अवलोकन कर पाया कि आरोपी के जांच टीम की प्रश्नोत्तरी पर दिए गए जवाबों से प्रतीत होता है कि आरोपी जांच में सहयोग नहीं कर रही हैं।
कोर्ट ने प्रार्थी को एक और मौका देते हुए कहा कि यदि वह जांच को पूर्ण करने में अपना सहयोग नहीं करेगी तो उसकी अग्रिम जमानत याचिका खारिज की जा सकती है। गौर रहे कि ऑडिट के दौरान पाया गया था कि शराब की फर्मों के लाइसेंस धारक रोहित कुमार द्वारा जमा किए गए ई-चालान का सत्यापन नहीं हो पा रहा है।
सत्यापन के लिए सौंपे गए ई-चालान फर्जी भी पाए गए। जांच में पाया कि प्रार्थी के पति अमिल मन्हास द्वारा दिया गया चेक बाउंस हो गया। ज्ञात रहे कि ऊना में एक्साइज विभाग के साथ शराब की 2 फर्मों की ओर से करीब 2 करोड़ 63 लाख की धोखाधड़ी का मामला सामने आया है। इस मामले में एक्साइज विभाग ने विजिलेंस में मामला दर्ज करवाया है।