शिमला:
राज्य में पूर्व सैनिकों की बेटियों को अब शादी के बाद भी सरकारी नौकरी में आरक्षण मिलेगा। इस बारे में हाईकोर्ट से आए फैसले के आधार पर जयराम सरकार ने दिशा निर्देश जारी किए हैं। कार्मिक विभाग की ओर से जारी निर्देशों के अनुसार अब पूर्व सैनिकों के आश्रित पुत्रों, पुत्रियों और बीवी को ये आरक्षण मिलेगा।
पुत्रियों में शादी होने के बाद भी पात्रता बनी रहेगी। इसी प्रकार स्वतंत्रता सेनानियों के बच्चों और पौत्रों के दो फीसदी आरक्षण के मामले में भी पुत्रियों को ये राहत मिलेगी। इससे पहले कुछ विभागों ने बेटियों को ये आरक्षण देने से ये कहते हुए इनकार कर दिया था कि शादी होने के बाद वे पिता पर आश्रित नहीं रहतीं। जबकि हाईकोर्ट ने 18 मई 2015 को ज्योति कुमारी एवं अन्य बनाम सचिव शिक्षा केस में साफ किया है कि ये फैसला लिंग के आधार पर भेदभाव वाला है और संविधान के मूल्यों की पालना नहीं करता है। इसलिए इसे हटाया जाए।
इस फैसले को लागू करते हुए अब कार्मिक विभाग ने राज्य के सभी प्रशासनिक सचिवों, मंडलायुक्तों, उपायुक्तों, निगम बोर्डों और विश्वविद्यालयों को निर्देश जारी कर कहा है कि सभी प्रकार की भर्तियों में पूर्व सैनिकों की बेटियों को भी आरक्षण दिया जाए। गौरतलब है कि पूर्व सैनिक कोटे में अभ्यर्थी न मिलने के बाद विभाग और सरकार इसे वार्ड ऑफ एक्ससर्विसमैेन को देती है। अब इसमें बेटियों को भी कोटा मिलेगा।