शकील कुरैशी: शिमला
प्रदेश में आबकारी और कराधान, दोनों अलग-अलग महकमे होंगे। लंबे समय से चल रहे इस प्रस्ताव को अब सरकार अंजाम देने वाली है। सूत्रों के अनुसार आबकारी एवं कराधान विभाग की ओर से इस संबंध में प्रस्ताव बन चुका है। बताया जाता है कि इसमें मौजूदा कर्मचारियों से च्वाइस ली जाएगी, जिसके बाद 400 नई भर्तियां भी की जाएंगी। कैबिनेट में प्रस्ताव भेजने से पहले वित्त विभाग से इस पर मंजूरी लेने की तैयारी चल रही है। राज्य में करों की उगाही में बेहतरीन काम हो रहा है। नई प्रणालियों को विकसित करके यहां कर उगाही में पुराने सभी रिकॉर्ड तोड़े गए हैं। नए-नए लक्ष्य रखे जा रहे हैं और उस टार्गेट को पूरा किया जा रहा है। ऐसे में जरूरत है कि इस विभाग को और अधिक सुदृढ़ किया जाए क्योंकि इससे सरकार को करोड़ों रुपये का राजस्व जुटाया जाता है।
कभी वो जमाना भी था जब सरकार एक हजार से दो हजार करोड़ रुपये कमाती थी, लेकिन आज 8100 करोड़ रुपये तक की कर उगाही प्रदेश में हो रही है और इस वित्त वर्ष का टार्गेट 8300 करोड़ रुपये तक पहुंचा है। अभी तक एक ही विभाग इस काम को रहा है, जिसके पास भी स्टाफ की कमी है। ऐसे में सरकार का विचार है कि यहां पर आबकारी और कराधान विभाग को अलग-अलग कर दिया जाए। एक विभाग आबकारी करों की कलेक्शन करेगा क्योंकि उसमें भी बहुत ज्यादा काम बढ़ चुका है। दूसरा विभाग जीएसटी व दूसरे संबंधित करों की उगाही पर ध्यान देगा। केंद्र सरकार से इस साल मुआवजे की राशि आना बंद हो जाएगी इसलिए सरकार को टैक्स की कलेक्शन अपने स्तर पर ज्यादा बढ़ानी होगी ताकि ज्यादा से ज्यादा हिस्सा केंद्र सरकार से मिल सके। ऐसे में सोचा गया है कि दो अलग-अलग विभाग कर दिए जाएं।
किस विभाग में जाना चाहते कर्मचारी, पूछी जाएगी च्वॉइस
आबकारी एवं कराधान विभाग में मौजूदा समय में जो कर्मचारी हैं उनसे उनकी इच्छा पूछी जाएगी कि वह किस विभाग में रहना चाहते हैं। क्या वह आबकारी में जाना चाहते हैं या फिर कराधान में। उसके हिसाब से देखा जाएगा कि फिर कितने नए पदों को यहां पर भरा जाए। कितने और कर्मचारियों को रखा जाए। वैसे आकलन के अनुसार 400 नई भर्तियां यहां पर करनी होगी तभी यहां नया विभाग अस्तित्व में आ सकेगा। ऐसे में अलग-अलग पदों की भर्ती के लिए वित्त विभाग को प्रस्ताव भेजा जाएगा। जल्दी ही इस मामले को सिरे चढ़ाकर कैबिनेट के सामने लाया जाएगा, जिसके बाद यहां भर्तियों का दौर शुरू होगा और नया महकमा खड़ा किया जाएगा।
सरकार को कर एकत्रीकरण में मिलेगा फायदा
इससे पहले आबकारी कराधान विभाग को परिवहन से जुड़े टैक्स भी जुटाने पड़ते थे लेकिन अब इस काम को परिवहन विभाग को ही सौंप दिया गया है। बाद में जब दो अलग-अलग विभाग हो जाएंगे तो वह टैक्स भी वापस इनके पास आ सकते हैं। फिर ज्यादा दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़ेगा। अब देखना यह है कि कब तक सरकार इसे सिरे चढ़ाती है क्योंकि सूत्रों की मानें तो अगले दो-महीने में इस काम को करना होगा तभी इसका फायदा राज्य सरकार को कर एकत्रीकरण में मिल सकता है।
आबकारी और कराधान को अलग करने की प्रपोजल है। वित्त विभाग को इसे भेजा जाएगा। सरकार के स्तर पर इस पर चर्चा हुई है। अलग विभाग की जरूरत इस वक्त काफी ज्यादा महसूस हो रही है।
– सुभाषीश पांडा, प्रधान सचिव आबकारी एवं कराधान।