पुनीत वर्मा : सोलन
दी खलोगड़ा कृषि सहकारी समिति कुम्हारहट्टी पर पर चल रही फैक्ट फाइंडिंग इंक्वायरी पूरी हो गई है। विभागीय अधिकारियों ने बुधवार को रिपोर्ट एआरसीएस को सुपुर्द कर दी है। बताया जा रहा है इसमें अधिकारियों ने हर पहलू पर जांच की है। रिपोर्ट से खुलासा होगा कि किस तरह प्लॉट कटिंग और पत्थर तोडऩे पर 42 लाख खर्च हुए हैं। उधर, विभाग की सालाना ऑडिट रिपोर्ट में भी समिति की कुछ खामियां सामने आई हैं। हांलाकि विभाग अभी खुलकर कुछ भी बोलने से कतरा रहा है, लेकिन जीरो प्वॉइंट स्थित प्रस्तावित मार्केटिंग कॉंप्लेक्स के लिए मंजूर इस प्रोजेक्ट की ऑडिट रिपोर्ट में सामने आया कि समिति ने टेंडर अपनी मर्जी से किसी दूसरे ठेकेदार को जारी कर दिया, जबकि नियमानुसार टेंडर रिकॉल किए जाने थे। टेंडर जारी होने के कुछ समय पश्चात एमएम कंस्ट्रक्शन ने समिति को शपथ पत्र देकर काम करने से मना कर दिया।
समिति ने ठेकेदार काम करने में सक्षम नहीं है का हवाला देकर प्रस्ताव डाला और टेंडर अन्य ठेकेदार को दे दिया, जबकि नियम के अनुसार समिति इस तरह अपनी मर्जी से टेंडर जारी नहीं कर सकती। उधर, एमएम कंस्ट्रक्शन का सिक्योरिटी चेक अभी भी समिति के पास है जबकि समिति ने प्लॉट कटिंग की पेमेंट शांडिल के अकाउंट में ट्रांसफर की है। समिति के नए बोर्ड ने शिकायत के आधार पर जनवरी माह में एक ऑडिट रिपोर्ट तैयार करने के लिए प्रस्ताव पास किया था।
एनएचएआई ने लगाई है 11 लाख की पैनल्टी
साल 2020 में प्लॉट कटिंग के कारण नाहन रोड डेमेज हुआ। बिना एनएचएआई की एनओसी से समिति की पूर्व वर्किंग कमेटी ने सरकारी भूमि पर मशीन चला दी। इस पर एनएचएआई ने समिति को करीब 11 लाख की पैनल्टी लगाई। लेकिन समिति ने पैनल्टी जमा नहीं करवाई। बता दें कि समिति की जमीन एनएचएआई के साथ लगती है, जहां के लिए रास्ता ही नहीं था। ऐसे में प्लॉट बनाने के लिए नियमों को ताक पर रख सरकारी जमीन को डैमेज कर दिया।
ठेकेदार ने समिति को भेजा नोटिस
जांच के बीच समिति को एक नोटिस आने से ट्विस्ट आ गया है। जिस ठेकेदार को टेंडर सबलेट हुआ उसी ने करीब 3 लाख रूपए की पेमेंट न मिलने के कारण समिति को नोटिस दिया है। उधर समिति का तर्क है कि करीब 18 लाख की पेमेंट बिल के अनुसार दी गई है, जबकि करीब 22 लाख की राशि समिति ने अग्रिम के रूप में दर्शाई है। इसके पक्के बिल ही समिति को नहीं मिले। इस कारण 3 लाख रुपये होल्ड किए हैं।
60 लाख का प्रोजेक्ट हुआ है मंजूर
केंद्र सरकार की ओर से सोसाइटी को 60 लाख रुपये का प्रोजेक्ट मंजूर हुआ, जिसमें 12 लाख सब्सिडी का प्रावधान है। प्रोजेक्ट के तहत नाहन रोड पर मार्केटिंग कॉंप्लेक्स बनना था। इस पर 42 लाख रुपये खर्च भी हो गए, लेकिन धन का अधिकतर हिस्सा प्लॉट कटिंग व पत्थर तोडऩे में ही लगा दिया। इस कारण सोसाइटी की वर्किंग कमेटी शक के घेरे में है। पंचायत के कुछ लोगों ने इसकी शिकायत समिति से की। नए बोर्ड के गठन के बाद शिकायत पर जांच की तो खामियां सामने आईं। इस पर नए बोर्ड ने एआरसीएस को शिकायत की।
ब्याज को लेकर समिति में हलचल
हर महीने लग रहे 40 हजार रुपये के कारण समिति में हलचल है। यही नहीं समिति के पास ठेकेदार की सिक्योरिटी के रूप में एक लाख रुपये की एफडीआर जमा है। इस पर भी हर माह ब्याज लग रहा है। इससे भी समिति की मुश्किलें बढ़ रही हैं। बता दें कि सोसाइटी में 5 पंचायतें बड़ोग, चेवा, सुल्तानपुर, बोहली अनहेच के 7 जोन हैं, जिसमें 3000 के करीब शेयर होल्डर हैं। शेयर होल्डर काम को प्रॉपर चेक न करने वालों पर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
मंत्री को भी किया गुमराह
प्रदेश स्वास्थ्य मंत्री एवं विधायक डॉ. राजीव सैजल ने समिति की जमीन का शिलान्यास किया है, लेकिन शिलान्यास से पूर्व एनएचएआई से जमीन की एनओसी नहीं ली गई। ऐसे में शिलान्यास कैसे हुआ। इस बारे में मंत्री से चर्चा क्यों नहीं की। प्रोजेक्ट रिपोर्ट में एनओसी का न होना क्यों छुपाया गया। मंंत्री को गुमराह करने के ऐसे कई सवाल उठ रहे हैं।
मामले की जांच में सहकारिता विभाग को सहयोग किया जा रहा है। समिति का ऑडिट भी हुआ है। इसकी रिपोर्ट विभाग के पास है।
मामले में संलिप्त लोगों को बख्शा नहीं जाएगा।– सुरेंद्र ठाकुर, अध्यक्ष, दी खलोगड़ा कृषि सहकारी समिति कुम्हारहट्टी।
खलोगड़ा समिति की फैक्ट फाइंडिंग इंक्वायरी रिपोर्ट शुक्रवार को मिल गई है। मामले की जांच गहनता से की जाएगी। ऑडिट रिपोर्ट को भी देखा जा रहा है।
– गौरव चौहान
एआरसीएस सोलन।