राजीव भनोट/अजय। बंगाणा
कुटलैहड़ विधानसभा क्षेत्र के स्व. अमृतलाल गांव डोहक के पहले व्यक्ति थे, जिन्होंने राम मंदिर आंदोलन में योगदान दिया था। अब उनका सपना पूरा हुआ है। स्व. अमृतलाल 6 दिसंबर 1992 को लाल कृष्ण आडवाणी की रथ यात्रा में शामिल हुए थे। उस दौरान अयोध्या में हिंसा फैली, जिसमें वह बुरी तरह घायल हो गए।
घायल होने के उपरांत 20 दिन तक वह अपने घर पर ही इलाज करवाते रहे, परंतु उसके बाद राम मंदिर के सपने को दिल में संजोए हुए इनकी मृत्यु हो गई। उनके परिवार के सदस्यों में उनके पुत्रों सुभाष चंद व पवन कुमार बलदेव ने भगवान राम जन्म मंदिर के भूमि पूजन की खुशी में बीहरू बाजार में मिठाई बांटी। इसके साथ घी के दीप भी जलाए।