हमीरपुर
हमीरपुर जिला के ताल में स्थित भेड़ प्रजनन केंद्र में ‘फाडर डेवलपमेंट प्रोजेक्ट’ शुरू शुरू हो गया है। 1.07 करोड़ की लागत वाला यह प्रोजेक्ट 5 साल तक चरणबद्ध तरीके से चलेगा। जो 3 हेक्टेयर भूमि को कबर करेगा। इस प्रोजेक्ट के तहत 2 भवन भी तैयार किए गए हैं जिनमें आधुनिक सुविधाएं उन्नत नस्ल को उपलब्ध होंगी।
क्या होगा प्रोजेक्ट में
इस प्रोजेक्ट में नए प्लांट्स तैयार किए जाएंगे। उनके रूट्स भी खास तरीके से तैयार होंगे। जिनसे फाडर की तादाद अच्छी खासी मात्रा में तैयार होगी। चरणबद्ध तरीके से इनकी सेंपलिंग भी होगी और जो रूट्स इन प्लांट के तैयार होंगे, उनका जितना उपयोग हो सकेगा, वह तो इस भेडू फार्म के लिए होगा ही। जो सरप्लस हो जाएगा, उसका इस्तेमाल इलाके के गोसदनों में एनिमल्स के लिए भी किया जाएगा। अन्य फार्मर्स को भी सरप्लस रूट्स और फाडर उपलब्ध करवाया जाएगा।
उन्नत किस्म की भेड़ों के लालन-पालन
इस प्रोजेक्ट के तहत जो 2 नए भवन तैयार किए गए हैं। वह बनकर तो तैयार हो गए हैं। लेकिन अभी उनमें इलेक्ट्रिसिटी का काम बाकी है। उसके अलावा इनकी भीतरी व्यवस्था में भी कुछ बदलाव होंगे। उसके बाद एनिमल्स के लिए इनका बेहतर तरीके से इस्तेमाल किया जाएगा। जिस नए अंदाज में इनका निर्माण हुआ है। उसका फायदा निश्चित रूप में नई दिशा में उन्नत किस्म की भेड़ों के लालन-पालन में होने की उम्मीद है।
दो भवनों का निर्माण अंतिम चरण में
भेड़ प्रजनन केंद्र के असिस्टेंट डायरेक्टर डॉ मुंशी कपूर का कहना है कि यह प्रोजेक्ट अब शुरू कर दिया गया है। पीडब्ल्यूडी के तहत जिन दो भवनों का निर्माण अंतिम चरण में है। उनकी ओके रिपोर्ट मिलते ही उनका इस्तेमाल भी इस प्रोजेक्ट के तहत शुरू हो जाएगा। डॉ कपूर बताते हैं कि इस प्रोजेक्ट में एनिमल्स के लिए जितना पाउडर तैयार होगा और प्लांट्स तैयार होंगे, उनका इस्तेमाल फार्म में तो किया ही जाएगा। सरप्लस होने पर उसे इलाके के गोसदनों और किसानों को भी उपलब्ध करवाने में कोई परेशानी नहीं होगी।