अश्वनी दयात। जोल
सदाशिव मंदिर के आसपास की पहाडिय़ों में लगी आग भीषण रूप लेने लगी है। सोहारी टकोली, भिंडला, जोल, चौकीमन्यार, अंबेहडा धीरज, तलमेहड़ा व बडुही के जंगलो में पिछले 3 दिन से आग लगी है, जो कि लगातार फैलती जा रही है। वन विभाग के अधिकारी भी आग पर काबू पाने की कोशिश कर हैं, लेकिन जंगल में लगी आगजनी घटना की जो तस्वीरे सामने आ रही हैं, वे खौफनाक हैं। जंगलो में लगी आग से वन संपदा को नुक्सान तो हो ही रहा है, साथ में वन्य प्राणी भी इसकी भेंट चढ़ रहे है। वन्य प्राणियों की कई ऐसी प्रजातियां है, जो हर वर्ष गर्मियों में आग की भेंट चढऩे के कारण विलुप्त होती जा रही है।
आग का तांडव हर तरफ देखने को मिल रहा है। पिछले कुछ दिनों से चारो तरफ फैली आग से वन विभाग के अधिकारियों के हाथ पांव भी फूलते नजर आ रहे है। जिला ऊना के वन विभाग द्वारा आग से निपटने के इंजमात भी बौने नजर आ रहे है। इसका पर्यावरण पर भी गहरा प्रभाव पड़ रहा है। जिस तरह आग अपना तांडव दिखा रही है, इससे किसानों की पक्की फसल पर भी खतरा मंडराना शुरू हो गया है। पहाड़ी क्षेत्र होने के चलते रबी की फसल पक चुकी ओर ऐसे में अगर इस आग पर काबू ना पाया गया तो किसानों को अपनी फसल जलने का भी खतरा पैदा हो गया है।
उधर, वन विभाग के अधिकारी मृत्युजंय माधव ने कहा कि जंगलों में लगी आग को काबू करने के लिए जहां वन विभाग के कर्मी दिन-रात कार्य कर रहे हैं। वहीं ग्रामीण भी इसमें पूरा सहयोग कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि क्षेत्रवासियों से भी जंगलों में आग न लगाने की अपील की है। उन्होंने कहा कि वन संपदा को बचाने के लिए क्षेत्रवासियों का सहयोग मांगा है।