राजेश मंढोत्रा। शिमला:
15वें वित्तायोग ने राज्य के 54 शहरी निकायों यानी नगर परिषदों और नगर पंचायतों को दिल खोलकर पैसा दिया है। आयोग ने वित्त वर्ष 2020-21 के लिए शहरी निकायों को 207 करोड़ रुपये का आवंटन किया है।
जबकि 14वें वित्तायोग से इस साल के लिए इन्हें महज 61 करोड़ मिले थे। इस आवंटन के साथ ही 15वें वित्तायोग ने दो शर्तें भी लगाई हैं। ये पैसा आधा अनटाइड और आधा टाइड होगा। यानी आधा शहरी निकाय अपनी जरूरत के अनुसार खर्च कर सकेंगे और आधा केवल स्वच्छता तथा पेयजल पर खर्च करना होगा। दूसरी शर्त ये है कि अगले साल से सभी शहरी निकायों को अपने यहां प्रॉपर्टी टैक्स वसूली पर काम करना होगा और अपने खातों की आडिट रिपोर्ट एडवांस में जमा करवानी होगी। राज्य में केवल 0.71 फीसदी आबादी शहरों में बसती है।
15वें वित्तायोग ने शहरों को देश के विकास का इंजन बताते हुए इन्हें दो हिस्सों में बांटा है। मिलीयन प्लस सिटी और नॉ मिलीयन सिटीज। हिमाचल में एक भी शहर मिलीयन प्लस यानी 10 लाख की आबादी से ज्यादा का नहीं है। वर्तमान में हिमाचल में कुल 54 शहरी निकाय हैं। इनमें दो नगर निगम शिमला और धर्मशाला हैं।
नगर परिषदों में बिलासपुर, नयना देवी, घुमारवीं, चंबा, डलहौजी, हमीरपुर, सुजानपुर, कांगड़ा, पालमपुर, नूरपुर, नगरोटा, देहरा, ज्वालामुखी, कुल्लू, मनाली, मंडी, सुंदरनगर, नेरचौक, जोगिंद्रनगर, रोहडू, रामपुर, ठियोग, नाहन, पांवटा, सोलन, नालागढ़, परवाणू, बद्दी, ऊना, संतोषगढ़, मैहतपुर शामिल हैं। नगर पंचायतों में तलाई, चुवाड़ी, नादौन, भोटा, बैजनाथ पपरोला, जवाली, भुंतर, बंजार, सरकाघाट, रिवाल्सर, करसोग, नारकंडा, चौपाल, कोटखाई, जुब्बल, सुन्नी, राजगढ़, अर्की, दौलतपुर, गगरेट, टाहलीवाल आदि हैं।
आर्मी कैंट और शेडयूल एरिया को पहली बार मिला पैसा
15वें वित्तायोग ने राज्य के 7 कैंट बोर्डों को भी पहली बार पैसे दिए हैं। इन्हें आबादी के आधार पर करीब 8.50 करोड़ मिलेंगे। इसी प्रकार संविधान के शेड्यूल पांच में घोषित शेड्यूल एरिया को भी अलग से ग्रांट मिली है। राज्य में लाहौल स्पीति, किन्नौर, पांगी और भरमौर शेडयूल एरिया घोषित हैं। इन्हें अलग से पैसा मिलेगा।