जीवन ऋषि : धर्मशाला
पर्यटन सीजन में भट्ठी की तरह तपते मैदानों से सैलानियों ने पहाड़ों का रुख कर लिया है। पर्यटन नगरी धर्मशाला, पालमपुर से लेकर कांगड़ा जिला के मैदानी इलाकों में भी सैलानियों की खूब चहल-पहल है। प्रमुख पर्यटक स्थलों में आक्यूपेंसी 70 फीसदी तक है। शनिवार को और रविवार को ये आक्यूपेंसी 80 फीसदी को पार कर जाती है। इसी बीच पर्यटन विभाग ने जिला भर में होटलों की चेकिंग के दौरान खामियां पाए जाने पर 40 होटलों पर फाइन किया है। डिप्टी डायरेक्टर टूरिज्म विनय धीमान ने खबर की पुष्टि करते हुए बताया कि यह मुहिम लगातार जारी रहेगी।
उन्होंने बताया कि जांच में पाया गया कि कई जगह ऐसे होटल यूनिट चल रहे थे, जो रजिस्टर्ड ही नहीं थे। इसी तरह कई जगह रेस्तरां को बिना पंजीकरण के चला दिया गया था। यही नहीं, कई जगह तो बिना नियम पूरे किए मेन्यू कार्ड तक रख दिए थे। ऐसे में इन होटलों पर फाइन लगाया गया है। यह कार्रवाई एचपी टूरिज्म एक्ट के तहत की गई है। कोविड के खराब पीरियड के बाद पर्यटन सीजन ने रफ्तार पकड़ी है। ऐसे में अतिथि देवोभव: को साकार करते हुए पर्यटन विभाग देश-विदेश से आने वाले मेहमानों को बेहतर सुविधाएं देने का प्रयास कर रहा है। विभाग नहीं चाहता कि बिना नियम पूरे किए कोई भी यूनिट इस तरह से एक्ट के साथ खिलवाड़ करे।
कड़ी सजा का भी है प्रावधान
एचपी टूरिज्म एक्ट के तहत कोई लगातार नियम तोड़ता है, तो उसे जुर्माने के साथ सजा भी हो सकती है। यही नहीं, एक दिन में 200 रुपये से 2000 रुपये तक जुर्माना भी हो सकता है। बहरहाल मई माह में 30 और जून माह में अब तक नियम तोडऩे वाले 40 होटलों पर एक्शन हो चुका है। इनसे कुल 57 हजार जुर्माना वसूला गया है। आने वाले दिनों में यह आंकड़ा काफी बढ़ सकता है।
जिले में 800 से ज्यादा है होटलों की संख्या
पर्यटन के हालात देखे जाएं तो जिला में अभी तक 800 से ज्यादा होटल और 360 से ज्यादा होम स्टे हैं। इसके अलावा 375 से ज्यादा ट्रैवल एजेंसी, चार पैराग्लाइडिंग एसोसिएशन, 311 पैराग्लाइडिंग पायलट,200 के करीब टूरिस्ट गाइड हैं। होटलों की बेड कैपेसिटी 20 हजार से ज्यादा है, जबकि होम स्टे की 2 हजार से ज्यादा है।
पर्यटकों को बेहतर सुविधाएं प्रदान करने के लिए हम वचनबद्ध हैं। नियम तोडऩे वाले किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा। यह मुहिम आगे भी जारी रहेगी।
-विनय धीमान
डिप्टी डायरेक्टर, टूरिज्म।