परमेंद्र कटोच : नेरचौक
नगर परिषद नेरचौक की डंपिंग साइट पर शरारती तत्वों द्वारा आग लगाए जाने से एक ओर जहां नगर परिषद का लाखों रुपए का नुकसान हुआ है तो वहीं पर डंपिंग साइट के आसपास के क्षेत्र में पर्यावरण भी दूषित हुआ है, जिससे क्षेत्र की जनता को धुएं के कारण भारी परेशानी का सामना करना पड़ा है। लोगों का कहना है कि यहां पर डंपिंग साइट बनाने से कंसा, टावां, स्यांह व डडौर गांव के लोगों का जीना मुहाल हो गया है। यहां कूड़ा कचरा फेंके जाने से हर तरफ बदबू का ही आलम है।
लोगों का साइट के करीब होने पर बाहर निकलना आफत हो गया है, जिससे लोगों को बीमारियां फैलने का खतरा सताने लगा है। लोगों को पानी के स्रोतों के दूषित होने का भी भय सता रहा है। उनका कहना है कि यहां पर अकसर कूड़ा कचरा खुले में आग के हवाले किया जाता है, जिससे पर्यावरण में जहरीला धुआं फैल रहा है और लोगों को सांस लेना मुश्किल हो रहा है।
लोगों का कहना है कि कूड़ा कचरा में लगाई गई आग ज्यादा भड़क गई, जिससे शेड में छांट कर रखे हुए प्लास्टिक वेस्ट में भी आग लग गई व टनों के हिसाब से रखा प्लास्टिक धू-धू कर जल गया तथा पूरे क्षेत्र में धुआं ही धुआं हो गया। बाद में अग्निशमन की गाडिय़ों द्वारा आग पर काबू पाया गया।
ग्रामीणों ने मांग की है कि डंपिंग साइट को यहां से हटाकर कहीं और स्थापित किया जाए। यह डंपिंग साइट नगर परिषद नेरचौक की होने के बावजूद ग्राम पंचायत स्यांह में बनाई गई है, जिसका पंचायत वासियों व पंचायत प्रतिनिधियों ने विरोध भी किया था। जिस पर नगर परिषद ने इस समस्या को तीन महीने में सुलझाने का आश्वासन दिया था, लेकिन समस्या अभी तक सुलझ नहीं पाई है।
नगर परिषद नेरचौक का कहना था कि यहां पर कूड़ा कचरा निष्पादन संयंत्र लगाया जाएगा, जिससे 24 घंटे में कूड़े को खाद में परिवर्तित कर दिया जाएगा, लेकिन अभी तक कुछ नहीं हो पाया है। स्थानीय लोगों की मांग है कि शीघ्र ही समस्या का समाधान निकाल कर ग्रामीणों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ को रोका जाए।
– रीता चौधरी, प्रधान, ग्राम पंचायत, स्यांह।
शुक्रवार को नेरचौक नगर परिषद की डंपिंग साइट में शरारती तत्वों द्वारा आग लगा दी गई, जिससे लगभग 15 लाख रुपये की मशीन जल गई है तथा लाखों का प्लास्टिक, शेड व चदरें जल गईं, जिसकी शिकायत पुलिस को कर दी गई है। अग्निशमन की गाडिय़ों के माध्यम से आग पर नियंत्रण पाया गया है।
– शालिनी राणा, अध्यक्ष, नगर परिषद, नेरचौक।