खेमराज शर्मा : शिमला
प्रदेश में 15 दिन पहले ही फायर सीजन शुरू हो गया है। वनों को आग से बचाने के लिए वन विभाग अलर्ट मोड पर आ गया है। लगातार बढ़ रहे तापमान को देखते हुए पहली अप्रैल से फायर सीजन घोषित कर दिया गया है। फील्ड पर तैनात सभी स्टाफ समेत डीएफओ को अलर्ट पर रहने के निर्देश जारी किए गए हैं। जंगलों को आग से बचाने के लिए सैटेलाइट से भी नजररखी जाएगी।
इस तकनीक से अगर जिस क्षेत्र में आग लगी हो वहां पर फॉरेस्ट सर्वे ऑफ इंडिया से पंजीकरण होने वाले पंचायत प्रतिनिधियों के मोबाइल पर तुरंत मेसेज आ जाएगा। इसके अलावा फील्ड पर तैनात संबंधित कर्मियों और अधिकारियों को भी जंगल में आग लगने का मेसेज आएगा। इसके तुरंत बाद वन विभाग जंगल में लगी आग पर काबू पाने का प्रयास करेगा।
इतना ही नहीं फायर सीजन खत्म होने तक फील्ड स्टॉफ को केवल आपातकाल में ही छुट्टियां मिलेंगी। प्रदेशवासियों से अपील की गई कि जंगलों के साथ लगती निजी जमीन और वनों में आग न लगाएं और आग लगने की सूरत में तुरंत विभाग को सूचित करने की अपील की है।
वन विभाग ने जारी किए निर्देश, हर संदिग्ध गतिविधि पर रखें नजर
वन विभाग ने सभी फील्ड अधिकारियों को निर्देश जारी किए कि वह हर संदिग्ध गतिविधि पर नजर रखे। अगर किसी भी व्यक्ति को जंगलों में आग लगाते हुए पकड़ा जाता है तो उस स्थिति में उसके खिलाफ फौरी तौर पर एफआईआर दर्ज करवाएं। इतना ही नहीं जगलों में लगी आग तो तुरंत बुझाने में जुट जाने के निर्देश जारी दिए गए हैं।
7 जिले बेहद संवेदनशील
इस बाबत वन विभाग के मुखिया अजय श्रीवास्तव ने आदेश जारी किए हैं। प्रदेश में शिमला, चंबा, सिरमौर, बिलासपुर, मंडी व सोलन जिला के कई क्षेत्र वन अग्नि के लिहाज से ज्यादा संवेदनशील हैं। इसे देखते हुए संवेदनशील और अति संवेदनशील वन वीट में कर्मचारियों को ज्यादा अलर्ट रहने को कहा गया है।