अकोला : एक स्थानीय अदालत ने मूक बधिर बच्चों के स्कूल की एक 50 वर्षीय अध्यापिका को बच्चों का यौन उत्पीडऩ करने के मामले में पांच साल की जेल की सजा सुनाई है।
विशेष न्यायाधीश एच के भालेराव ने यौन शोषण से बच्चों का संरक्षण अधिनियम : पोक्सो : के संबंधित प्रावधानों के तहत महिला को दोषी पाया। अभियोजन पक्ष के वकील आनंद गोडे ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि महिला को पांच साल की जेल की सजा सुनाई गई है।
अध्यापिका पर साल 2013 में जिले के मूक बधिर बच्चों के एक सरकारी स्कूल में बच्चों का यौन उत्पीडऩ करने का आरोप था।
गोडे ने बताया कि अध्यापिका बच्चों से अपने पैरों की मालिश करवाती थी और उन्हें गलत तरीके से छूती थी। कुछ बच्चों द्वारा अपने माता पिता को इसकी जानकारी दिए जाने के बाद खादान पुलिस थाने में एक शिकायत दर्ज कराई गई।