– एचपीयू के स्थापना दिवस के मौके पर राज्यपाल विश्वनाथ आर्लेकर ने दिए निर्देश
– एचपीयू का मनाया गया 53 वां स्थापना दिवस
हिमाचल दस्तक, शिमला
हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय (HPU SHIMLA) शिमला के 53वें स्थापना दिवस के अवसर पर शुक्रवार को विश्वविद्यालय परिसर में समारोह आयोजित किया गया। इस अवसर पर मुख्यातिथि राज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर (Rajendra Vishwanath Arlekar) के साथ शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज और शिक्षा मंत्री गोविन्द सिंह ठाकुर भी उपस्थित रहे।
राज्यपाल ने प्रदेश विश्वविद्यालय के अध्यापकों और विद्यार्थियों को स्थापना दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि शिक्षा का मुख्य ध्येय व्यक्ति को संस्कारवान बनाना है। उन्होंने कहा कि पाठ्य पुस्तकों के अलावा अच्छी किताबें पढऩे से ही हमारा सर्वांगीण विकास सम्भव है।
राज्यपाल (Rajendra Vishwanath Arlekar) ने कहा कि 53 वर्षों की इस यात्रा में हमें सफलताओं और कमियों के बारे में विश्लेषण करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि आज विद्यार्थी किसी भी संस्थान में दाखिला लेने से पहले उसकी ग्रेडिंग के सम्बंध में जानकारी प्राप्त करता हैै इसलिए विश्वविद्यालय को ग्रेडिंग सुधारने के लिए विशेष प्रयास करने चाहिए।
राज्यपाल ने इस अवसर पर छात्राओं के लिए 8.11 करोड़ रुपए की लागत से निर्मित होने वाले मणीकर्ण छात्रा छात्रावास का शिलान्यास भी किया। इस छात्रावास का निर्माण भारत सरकार के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय द्वारा बाबू जगजीवन राम छात्रावास योजना के अंतर्गत 4410 वर्ग मीटर में किया जाएगा। उन्होंने इस अवसर पर मॉय यूनिवर्सिटी थीम पर आधारित चित्रकला कार्यशाला का शुभारम्भ भी किया। राज्यपाल ने इस अवसर पर हिमशिखर, नवोन्मेषी और विश्वविद्यालय के अन्य प्रकाशनों का भी विमोचन किया। राज्यपाल ने इस अवसर पर श्रेष्ठ छात्र सम्मान, श्रेष्ठ कर्मचारी सम्मान, बेस्ट यंग रिसर्चर अवार्ड, बेस्ट रिसर्चर अवार्ड, बेस्ट टीचर अवार्ड भी प्रदान किए।
नई दिशा से कार्य करने की जरूरत – सुरेश भारद्वाज
शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज ने कहा कि आज हमारा देश नया भारत नई ऊर्जा से परिपूर्ण है और हम निरन्तर आत्मनिर्भर होने की ओर अग्रसर हो रहे हैं, यही शिक्षा का उद्देश्य भी है। उन्होंने राष्ट्रीय शिक्षा नीति के विभिन्न पहलुओं की विस्तृत जानकारी प्रदान करते हुए कहा कि केंद्र और राज्य सरकारों ने शिक्षा में अनुसंधान के लिए बजट में विशेष प्रावधान किया है। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में शिक्षा का व्यापक विस्तार हुआ है। उन्होंने हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि की ओर ध्यान आकर्षित करते हुए कहा कि यहां विश्वविद्यालय की स्थापना शिक्षा के अनुकूल वातावरण देखते हुए की गई थी। उन्होंने कहा कि स्थापना दिवस के अवसर पर हम सभी को चिन्तन करना चाहिए कि आने वाले वर्षों में हमें किस दिशा में आगे बढऩा है।
उच्च शिक्षा पर किया काम – वीसी
प्रो. एस.पी.बंसल ने कहा कि एक शिक्षक और छात्र के रूप में यह दिन आत्मनिरीक्षण का है। उन्होंने कहा कि हमने अपनी संस्था और समाज के लिए क्या किया है। उन्होंने कहा कि कुलपति के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने तीन मुद्दों पर प्रमुखता से कार्य किया, जिसमें उच्च शिक्षा का प्रबंधन, उच्च शिक्षा का पुन: अभिविन्यास और उच्च शिक्षा की गुणवत्ता शामिल है।
हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय शिमला के 53वें स्थापना दिवस की पूर्व संध्या पर विश्वविद्यालय के सभागार में #प्रथमेश_क्रिएशन गोवा के कलाकारों ने #हिंदी_गीत_रामायण की प्रस्तुति दी।
कार्यक्रम में राज्यपाल मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित हुए। pic.twitter.com/uWu7uFCnZ9
— Raj Bhavan, Himachal Pradesh (@RajBhavanHP) July 21, 2022