रविंद्र चंदेल। हमीरपुर
सुजानपुर की बनाल पंचायत में करीब डेढ़ किलोमीटर तक जेसीबी चलाकर तहस-नहस किए गए खैर के पेड़ों का मामला प्रकाश में आने के बाद हरकत में आए वन विभाग ने इस मामले पर जांच शुरू कर दी है। वहीं शनिवार को छुट्टी के बावजूद भी डीएफओ हमीरपुर एलसी वंदना के नेतृत्व में बनाल पंचायत के बल्याणा गांव में पहुंची वन विभाग की टीम ने तहस-नहस किए गए पेड़ों की तबाही का जायजा लिया। बताया जाता है कि वन विभाग ने जेसीबी से गिराए गए पेड़ों की रायशुमारी करके उन्हें अपने कब्जे में ले लिया। इस बीच इस मामले को लेकर बल्याणा गांववासियों के बयान भी दर्ज किए गए। गांववासियों ने इस भूमि को अपनी मिल्कियत भूमि बताया है।
हालांकि करीब डेढ़ किलोमीटर तक चली जेसीबी में तबाही के इस मंजर को अंजाम देने का मकसद सड़क बनाना रहा है। यह सड़क मनरेगा के माध्यम से ग्राम पंचायत बनाल ने करीब 5 लाख की लागत से बनाई है। पेड़ों की तबाही के मंजर में आरोप यह भी लगे हैं कि इस कार्रवाई को अंजाम देने में 30 से ज्यादा खैर के पेड़ तबाह किए गए हैं, जबकि इतने ही पेड़ अन्य प्रजातियों के बताए जाते हैं।
सवाल यह उठता है कि अगर यह भूमि गांववासियों की मिल्कियत है तब भी 5 से ज्यादा पेड़ों को गिराने की अनुमति वन विभाग से लेनी जरूरी थी, जो कि न ग्राम पंचायत ने ली है और न ही गांववासियों ने ली है।
अब ऐसे में इस तबाही के मंजर की इस बेखौफ कार्रवाई की सीधे तौर पर जिम्मेदारी व जवाबदेही ग्राम पंचायत की बनती है। कार्रवाई जेसीबी के मालिक पर भी हो सकती है। उधर, वन विभाग ने तुरंत कार्रवाई करते हुए इस भूमि की निशानदेही के लिए 10 जनवरी सोमवार को राजस्व विभाग को निशानदेही के लिए भी बुलाया है, जिसमें यह स्पष्ट हो जाएगा कि अगर यह भूमि मिल्कियत है या सरकारी। हालांकि आरोप यह लगा है कि यह तबाही सरकारी भूमि पर मचाई गई है।
वन विभाग की टीम इस मामले की जांच के लिए बल्याणा गांव में आई थी, जिसमें कुछ लोगों के बयान दर्ज किए गए हैं। इसमें गांववासियों ने इस भूमि को अपनी मिल्कियत भूमि बताया है।
-कांता देवी, प्रधान
ग्राम पंचायत बनाल।वन विभाग की तरफ से 10 जनवरी सोमवार को राजस्व विभाग की टीम निशानदेही के लिए बुलाई गई है। इसमें यह स्पष्ट होगा कि भूमि सरकार की है या मिल्कियत, लेकिन पेड़ों को
धराशाही करने के मामले पर विभाग अलग से कार्रवाई करेगा, क्योंकि इस मामले में विभाग से कोई एनओसी नहीं ली गई है।
-एलसी वंदना, डीएफओ हमीरपुर