वरिष्ठ संवाददाता। शिमला
हिमाचल प्रदेश में कोरोना संक्रमण से मौत का सिलसिला लगातार जारी है। मंगलवार को भी चार लोगों ने इस महामारी से दम तोड़ा है। कांगड़ा में तीन और मंडी में एक व्यक्ति की मौत हुई है। इसके साथ ही प्रदेश में कोराना से दम तोडऩे वालों की संख्या 3694 हो गई है।
स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी बुलेटिन के तहत कोरोना संक्रमण के 174 नए मामले आए हैं। वहीं 95 मरीजों ने इस महामारी को मात दी है। इसके बाद कोरोना के एक्टिव मरीजों की संख्या 1312 हो गई है।
कोरोना संक्रमण के नए मामलों की बात करें तो बिलासपुर में 11, हमीरपुर में 20, कांगड़ा में 62, किन्नौर और कुल्लू में तीन-तीन, लाहुल में एक, मंडी में 35, शिमला में14, ऊना में 20, सोलन में पांच, सिरमौर व चंबा में संक्रमण का कोई भी मामला मंगलवार को नहीं आया है। एक्टिव मरीजों में बिलासपुर में 58, चंबा में 12, हमीरपुर में 321, कांगड़ा में 415, किन्नौर में आठ, कुल्लू में 30, लाहुल में चार, मंडी में 200, शिमला में 106, सिरमौर में दो, सोलन में 25 और ऊना में 131 एक्टिव मरीज हैं।
बच्चों की वैक्सीन को अभी और इंतजार
पहले डीजीसीए ने दी मंजूरी बाद में स्वास्थ्य राज्य मंत्री ने कहा-अभी इस पर फैसला नहीं
नई दिल्ली। देश में बच्चों की वैक्सीन को लेकर अभी और इंतजार करना पड़ सकता है। मंगलवार सुबह खबर आई कि केंद्र सरकार की एजेंसी ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया ने 2 से 18 साल के बच्चों के वैक्सीनेशन के लिए स्वदेशी कोवैक्सीन को मंजूरी दे दी है। हालांकि बाद में खुद स्वास्थ्य राज्य मंत्री ने इससे इनकार कर दिया। बच्चों की कोरोना वैक्सीन पर केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री भारती प्रवीण पवार ने कहा कि अभी इस पर काम चल रहा है। मुझे लगता है कुछ कन्फ्यूजन सामने आ रही है। अभी डीसीजीए की भी मंजूरी नहीं मिली है। विशेषज्ञ निर्णय लेंगे उसके बाद वैक्सीन आएगी। प्रक्रिया चल रही है और हम उसमें हस्तक्षेप नहीं करते हैं।
कनाडा ने की थी सबसे पहले शुरुआत
कनाडा उन देशों में से है, जहां सबसे पहले बच्चों को वैक्सीनेशन की शुरुआत हुई। कनाडा ने दिसंबर 2020 में ही 16 साल तक के सभी लोगों के लिए फाइजर की वैक्सीन को अप्रूवल दे दिया था। मई में वैक्सीनेशन का दायरा बढ़ाते हुए 12 साल तक के बच्चों को भी इसमें शामिल किया गया।
किन देशों में बच्चों को दी जा रही वैक्सीन?
अमेरिका मई से फाइजर की वैक्सीन को 12 साल से ज्यादा उम्र के सभी बच्चों को लगाना शुरू कर चुका है। अगले साल तक वहां 12 साल से कम उम्र के बच्चों को भी वैक्सीनेशन की शुरुआत हो सकती है।
यूरोपियन यूनियन ने 23 जुलाई को मॉडर्ना की वैक्सीन को बच्चों के लिए अप्रूव किया है। 12 से 17 साल तक के बच्चों को यूरोपियन यूनियन में मॉडर्ना की वैक्सीन लगाई जाएगी।
19 जुलाई को यूके ने 12 साल तक के बच्चों को फाइजर वैक्सीन लगाने की अनुमति दी है। हालांकि, अभी केवल मोर्बिडिटी वाले बच्चों को ही वैक्सीन दी जा रही है। सितंबर तक मॉडर्ना की वैक्सीन को भी अप्रूवल मिलने की संभावना है।