प्रवेश शर्मा : परागपुर
परागपुर विकास खंड 90 के दशक में नींबू प्रजाति के फल (गलगल) व देशी आम की पैदावार को लेकर प्रदेश में अग्रणी स्थान पर था। समय बीतने के साथ उचित समर्थन मूल्य न मिलने व फल विधायन उद्योग न होने के कारण यहां के कई बागवानों ने अपने पेड़ों को कटवा डाला। यदि तत्कालीन प्रदेश सरकार ने इस ओर ध्यान दिया होता तो आज परागपुर विकास खंड सिट्रिक एसिड व लाइम स्क्वेश, आचार तथा आम का प्रिजर्व जूस व अन्य पेय बनाने व निर्यात करने का मुख्य केंद्र होता।
पुख्ता सूत्रों की माने तो प्रदेश सरकार ने इस बाबत धरातल से रिपोर्ट भी तलब कर ली है। यदि सरकार के पास तथ्य सहित सकारात्मक रिपोर्ट जाती है, तो जल्द ही परागपुर को एचपीएमसी या हिमकू का फल विधायन उद्योग मिल सकता है। यदि ऐसा हुआ तो परागपुर क्षेत्र में जहां बागवानों को आर्थिक लाभ पहुंचेगा। वहीं रोजगार के क्षेत्र में भी महिलाओं व पढ़े-लिखे बेरोजगार युवाओं, ट्रांसपोर्टर को रोजगार व स्वरोजगार मिलेगा।
बशर्ते सरकार जो फल विधायन उद्योग खोले वह सरकारी या अर्धसरकारी क्षेत्र का हो और छोटा फल विधायन केंद्र न होकर बड़े स्तर का फल विधायन उद्योग हो। गौरतलब है कि सीएम जयराम ठाकुर को बैसाखी पर्व के अवसर पर परागपुर आना था और परागपुर को वे कुछ बड़ा देना चाहते थे, लेकिन किसी कारणवश उनका तय कार्यक्रम रद हो गया। इसी को देखते हुए सीएम का परागपुर का दौरा जल्द निर्धारित किया जा सकता है।