शैलेश सैनी। नाहन
जिला सिरमौर पुलिस के द्वारा इन दिनों दड़ा सट्टा लगाने वालों पर मजबूत शिकंजा कसा जा रहा है। सट्टा बाजार के काला कारोबार पर की जा रही कार्रवाई को लेकर सिरमौर पुलिस की प्रशंसा भी की जा रही है।
सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार जिला सिरमौर से प्रतिदिन 20 लाख के लगभग का कारोबार होता है। जिसका बड़ा फायदा माजरा और यमुनानगर सहित नारायणगढ़ के बड़े सटोरियों को होता है। नाहन शहर में यह कारोबार इन्हीं बड़े मगरमच्छों के लिए नाममात्र कमीशन पर किया जाता है।
बड़ी बात तो यह है कि जिला सिरमौर पुलिस के हाथ केवल छोटे कमीशन खोरो तक ही पहुंच पाए हैं। जबकि मुख्य कारोबारी पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं। सूत्रों की माने तो सट्टे का कारोबार बड़ा हाईटेक तरीके से चलता है। नाहन का एक सट्टा कारोबारी नारायणगढ़ हरियाणा में पर्चा उतारता है। बाकी शहर में छोटी-छोटी मछलियां है जो खुद इन बड़े कारोबारियों के कर्ज के चंगुल में फंसे पड़े हैं।
हालात तो यह भी है कि कर्जे से परेशान इन छोटे सटोरियों का घर-बार भी बिकने की कगार पर है। कुल मिलाकर कहा जा सकता है की नाहन शहर वह आसपास ग्रामीण क्षेत्रों के बेरोजगार युवकों को बहला-फुसलाकर सट्टे के कारोबार में उतारा गया है। चंद पैसे के लालच में पुलिस भी इन्हीं छोटे सटोरियों तक ही कार्रवाई कर पाने में सीमित है।
सट्टे के काले कारोबार में पांवटा साहिब क्षेत्र के अंतर्गत बड़े खाईबाड़ भी हैं। जो अलग-अलग सट्टा बाजार में लोगों का पैसा लगवाते हैं। आगे पैसा न भेज कर खुद ही पूरा पैसा डकार जाते हैं। मौजूदा समय जिला सिरमौर में दिल्ली, गाजियाबाद, गली, फरीदाबाद मुंबई आदि के नाम से सट्टे का नंबर लगाया जाता है।
यह सभी अलग-अलग नाम के सट्टे अलग-अलग समय पर खोले जाते हैं। ईमानदारी के इस काले कारोबार में जिसका नंबर लगता है उसको इमानदारी के साथ भुगतान किया जाता है। सूत्रों के अनुसार 10 रुपये का सट्टा लगाने पर 800 से 900 मिलते हैं। इस इमानदारी की काली कमाई में बहुत से सफेद पोश लोग भी इन्वेस्टमेंट करते हैं।
यमुनानगर का मुख्य कारोबारी जिसका नाम सचिन सहगल बताया जाता है उसकी करोड़ों में इनकम बताई जा रही है। जानकारी तो यह भी है कि सचिन सहगल का अपना खुद की सट्टा कंपनी है। इसका परिणाम हर आधे घंटे के बाद आता है। बहरहाल प्रदेश में यदि लॉटरी का धंधा सरकार के मार्फत होता तो निश्चित ही सरकार को करोड़ों रुपए का राजस्व भी मिलता।
यही वजह है कि मौजूदा समय प्रदेश में लॉटरी बाजार बंद होने के कारण करोड़ों रुपया सट्टे के कारोबार में चला जाता है। अब यदि सरकार प्रदेश में लॉटरी का धंधा शुरु करती है तो निश्चित ही सट्टे के काले कारोबार पर तो रोक लगेगी ही, साथ ही सरकार के खजाने में भी एक बड़ी अतिरिक्त आय का साधन जुट सकता है।
उधर जिला पुलिस प्रमुख खुशहाल चंद शर्मा ने बताया कि जुआ अधिनियम के तहत पिछले 1 सप्ताह में 30 के लगभग मामले दर्ज किए गए हैं। ऑनलाइन सट्टा कारोबार को लेकर सिरमौर पुलिस पूरी तरह से सक्रिय है। उन्होंने कहा कि जल्द ही मुख्य आरोपी भी पुलिस की गिरफ्त में होंगे।