एजेंसी। संयुक्त राष्ट्र
पांच बार के विश्व चैंपियन विश्वनाथन आनंद ने पहले विश्व शतरंज दिवस के मौके पर कहा कि शतरंज ने कोविड-19 महामारी के दौरान पहली बार इस खेल से जुडऩे वाले काफी लोगों को आकर्षित किया और इंटरनेट की वैश्विक पहुंच ने इसे वास्तविक वैश्विक खेल बना दिया। आनंद ने संयुक्त राष्ट्र में सोमवार को विश्व शतरंज दिवस के ऑनलाइन समारोह के दौरान कहा, इंटरनेट का धन्यवाद, (शतरंज) वास्तविक वैश्चिक खेल बन गया है। मेरा मानना है कि इससे पहले कभी इसकी इतनी विस्तृत पहुंच नहीं थी।
उन्होंने कहा, बेशक महामारी के दौरान, मुझे बेहद खुशी है कि इतने सारे लोग शतरंज के खेल से जुड़े। संभवत: उनके पास समय नहीं था या उन्हें कभी इसे जानने का मौका नहीं मिला। लेकिन यह शतरंज के फैलाव के लिए बहुत अच्छा मौका है। इस पूर्व विश्व चैंपियन ने कहा कि अधिकांश भारतीय माता-पिता सही हैं कि शतरंज से उनके बच्चों को स्कूल में बेहतर करने में मदद मिलेगी।
आनंद ने कहा, उम्मीद करता हूं कि शतरंज का जो हमने हाल में विस्तार देखा वह भविष्य में महामारी के बिना भी जारी रहेगा। शीर्ष स्तर के ऑनलाइन कार्यक्रम चेस फोर रिकवरिंग बेटर के जरिए शतरंज खिलाड़ी, संयुक्त राष्ट्र और सरकारी अधिकारी, नागरिक समाज के प्रतिनिधि और शिक्षक एक साथ आए। दिसंबर 2019 में संयुक्त राष्ट्र की आम सभा ने 20 जुलाई को विश्व शतरंज दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की थी। इसी दिन 1924 में पेरिस में अंतरराष्ट्रीय शतरंज महासंघ (फिडे) की स्थापन हुई थी।
संयुक्त राष्ट्र ने कहा कि पिछले कुछ महीनों में कथित तौर पर शतरंज में लोगों की रुचि दोगुनी हो गई है और ऑनलाइन हो रही प्रतियोगिताओं में प्रतिस्पर्धा पेश करने वाले
खिलाडय़िों की संख्या बढ़ी है। आनंद ने कहा कि उन्होंने शतरंज अपनी माता से सीखा और इसके इतिहास और भारत से दुनिया के अन्य हिस्सों में इस खेल के फैलाव के बारे में बताया। आनंद ने कहा कि भारत में काफी परिवारों में उत्सुकता के साथ शतरंज खेला जाता है। उन्होंने कहा, यहां तक कि अगर आप किसी को बताओगे कि आप शतरंज खेलते हो तो काफी बार ऐसा होगा कि परिवार का मुखिया अपना शतरंज बोर्ड लेकर आएगा और बाजी खेलेगा।