चंद्रमोहन चौहान, ऊना। कोटला कलां में स्थित श्री राधा कृष्ण मंदिर कोटला कलां में चल रहे वार्षिक महासम्मेलन दूसरे दिन महामंडलेश्वर गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद महाराज ने अपने भजनों से सबको निहाल किया। रविवार को हजारों श्रद्धालुओं ने कोटला कलां मंदिर पहुंच कर राष्ट्रीय संत बाबा बाल जी महाराज का आशीर्वाद लिया। सुबह 9 से 12 बजे तक वेद प्रकाश व पार्टी ने रासलीला की। इस मौके पर कलाकारों ने कृष्ण भगवान पर आधारित कई प्रस्तुतियां पेश की।
महामंडलेश्वर गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद महाराज ओम भगवते वासुदेवा भजन गाकर शुरूआत की। उन्होंने कहा कि भगवान सबके अंदर रहता है, उनको बुलाने का ढंग आना चाहिए। उन्होंने कहा कि श्री कृष्ण का अवतार लीलाओं का अवतार है। विश्व कल्याण के लिए श्री कृष्ण ने तरह तरह की लीलाएं की। उन्होंने कहा कि अहंकार से भगवान की प्राप्ति नहीं होती। विनम्रता से ही भगवान को पाया जा सकता है। स्वामी ज्ञानानंद महाराज ने कहा कि भगवान की दृष्टि जिस पर सीधी पड़ जाए, वह जन्म मृत्यु के चक्कर से मुक्त हो जाता है। उन्होंने महाभारत के युद्ध से पहले दुर्योधन व अर्जुन दोनों भगवान कृष्ण का आशीर्वाद लेने गए। जहां पर दुर्योधन पीठ की तरफ खड़ा हो गया व अर्जुन पैरों के पास खड़ा रहा।
जैसे ही भगवान की निद्रा खुली और भगवान की दृष्टि सीधी अर्जुन पड़ी। उसी वक्त से भगवान की कृपा अर्जुन पर हो गई। उन्होंने कहा कि भगवान को अंहकार से घृणा है। उन्होंने कहा कि अगर भगवान की सीधी दृष्टि चाहिए, तो विनम्रता को अपना होगा। उन्होंने कहा कि जो सतगुरु की शरण में जो आता है उसका बेड़ा पार हो जाता है। उन्होंने कहा कि पाप तो हम सभी करते हैं, लेकिन केवल श्याम ही हमारे पापों को माफ करते हैं।
उन्होंने कहा कि कल कैसा था, आज कैसा है और आने वाला कल कैसा होगा, यह सब कुछ श्री कृष्ण भगवान ही जानते हैं। उन्होंने कहा कि जिसने कृष्ण को मांग लिया, उसे ुदुनिया की कोई भी शक्ति हरा नहीं सकती। इससे पहले महामंडलेश्वर गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद महाराज ने राष्ट्रीय बाबा बाल संग मंदिर में पूजा अर्चना की।
हरि नाम जपने में न करें शर्म: बाबा बाल
बाबा बाल जी महाराज ने कहा कि हमें किसी से ईष्र्या, द्वेष नहीं करना चाहिए। उन्होंने कहा कि गुरु ग्रंथ साहिब में लिखा है कि संत मिलन ते हरि यश गाओ, फालतू समय न गवाओ। उन्होंने कहा कि संगत मिलन हरि चर्चा और भक्त मिलन ते हरि चर्चा होती है। बाबा बाल ने कहा कि मन में गोविंद बसे ऐसी वेशभूषा बनाओ। उन्होंने कहा कि जैसे सूरज और रात एक समान नहीं हो सकते वैसे ही जहां विश्वकारी की वासना है वहां भगवान कभी वास नहीं करते हैं।
उन्होनें कहा कि जैसा व्यवहार हम अपने साथ नहीं चाहते वैसा दूसरों के साथ भी न करें। मरीजों का जांचा स्वास्थ्य महासम्मलेन में मरीजों के चैकअप के लिए चिकित्सा शिविर लगाया गया है। इसमें मोहन लाल व विपिन शर्मा मरीजों का स्वास्थ्य जांच कर रहे हैं। इसमें निशुल्क दवाईयां भी वितरित की जा रही है।