हरीश चौहान। गोहर
क्षेत्र मे पड़ रहे भयंकर सूखे को लेकर ग्रामीणों की देव कमरूनाग के प्रति आज भी आस्था बरकरार है। कई दिनों से ग्रामीण सूखे कि स्थिति से निपटने के लिए देव कमरूनाग के दरबार में हाजिरी भर बारिश की गुहार लगा रहे थे।
इस क्रम में जहां देव कमरूनाग के गूर खानदान जिसे लाठी परिवार संज्ञा दी गई है, लगभग पुराने तथा नए गूरों की शक्ति आजमाने का पूरा मौका दिया गया जिसमें कोई भी गूर देवता को मनाने में असफल रहा, लेक़िन मंगलवार को देव कमरूनाग के देवस्थल कुफरी धार माहरन में गोहर प्रशासन के समक्ष बारिश के लिए देवता को मनाने के लिए धूप जला कर प्रयास किया गया जिससे आसमान में अचानक बादल घिर आए।
बताते चलें कि यह करिश्मा लाठी परिवार से संबंध रखने वाले देवता के पुराने गूर ठाकर दास ने कर दिखाया है। इनके इस प्रयास से क्षेत्र के ग्रामीण खुशी से झूम उठे। इतना ही नहीं देखते ही देखते बारिश का माहौल उत्पन्न हो गया। लोग देव कमरूनाग के जयकारे लगाने लगे। ऐसा लग रहा था मानो साक्षात देवता राजन इंद्र पृथ्वी पर विराजमान हो गए हों।
इससे पहले कमरूनाग के वर्तमान में गूर नीलमणि पूर्व में रहे गूर धर्म दत्त, हेतराम ठाकुर अन्य 4 गूर धूप देकर देवता से बारिश के लिए अपनी-अपनी शक्ति आजमा चुके हैं।
इस मौके पर प्रशासन की तरफ से इलाका तहसीलदार गोहर ने स्पस्ट किया कि पुराना या नया गूर लाठी परिवार से जो भी देवता को मनाने में सार्थक सिद्ध होता है, उसे देवता के गूर की पदवी से नवाजा जाता है। उसे ही देवता की संपत्ति सौंपी जाती है। आज तहसीलदार की उपस्थिति में ग्राम पंचायत गोहर, वासा, देलग टिकरी, बस्सी, स्यांज, छपराहाण, मोवी सैरी इत्यादि आसपास के पंचायतों के लोग बारिश की आस में देवस्थल कुफरीधार में एकत्र हुए थे।