हिमाचल दस्तक ब्यूरो। शिमला
पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के अंतिम संस्कार से ठीक पहले शनिवार सुबह 8:00 बजे रामपुर के पदम पैलेस में उनके बेटे विक्रमादित्य सिंह का औपचारिक राजतिलक हुआ। सूत्रों के अनुसार विक्रमादित्य सिंह को बड़े आग्रह के बाद इस सरमनी के लिए राजी किया गया। उनका कहना था कि लोकतांत्रिक देश में अब इस तरह की परंपराएं छोड़ देनी चाहिए। लेकिन फिर वह राजी हुए और एक बेहद संक्षिप्त और औपचारिक कार्यक्रम पदम पैलेस की देयोठी में किया गया।
बंद कमरे में हुए इस कार्यक्रम में 4 पंडित और सिर्फ विक्रमादित्य सिंह अपनी धर्म पत्नी के साथ थे। मंत्रोच्चारण के साथ सिर्फ उनको तिलक लगाया गया। बाकी कोई सरमनी नहीं हुई, लेकिन इस औपचारिक राजतिलक के बाद विक्रमादित्य सिंह अब टिका से “राजा” हो गए हैं। यह बात अलग है कि वह अब अपने नाम के साथ इस शब्द का प्रयोग करेंगे या नहीं?
गौरतलब है कि छह बार हिमाचल के मुख्यमंत्री रहे वीरभद्र सिंह का निधन शिमला के आईजीएमसी में वीरवार को हो गया था और शनिवार दोपहर बाद 3:00 बजे उनका अंतिम संस्कार रामपुर में सतलुज किनारे राज परिवार के मोक्ष धाम में होगा।
इस कार्यक्रम के लिए जहां दिल्ली से कांग्रेस के नेताओं की एक टीम आ रही है, वहीं शिमला से भी मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर 2 कैबिनेट मंत्रियों सुरेश भारद्वाज और राकेश पठानिया के साथ रामपुर जा रहे हैं। वीरभद्र सिंह के निधन के बाद हिमाचल सरकार ने 3 दिन के राजकीय शोक का ऐलान पहले ही कर दिया था। वीरभद्र सिंह की अंतिम यात्रा में शामिल होने के लिए रामपुर में उनके महल के बाहर कल रात से ही लोगों का जमा होना शुरू हो गया था और हजारों लोग इस अंतिम यात्रा के गवाह बनेंगे।