हिमाचल दस्तक। मंडी : मंडी आरटीओ के मोबाइल नंबर दर्शाकर ठगी की वारदातों को अंजाम देने वाले पर मंडी पुलिस ने शिकंजा कस दिया है। ठगी के मास्टरमाइंड का पता लगाने के लिए मंडी पुलिस ने गूगल की ही शरण ली है और गूूगल के अधिकारियों को पत्र लिखकर मोबाइल नंबर ऐड करने वाले का पूरा पता बताने के लिए कहा है। इसी बीच पुलिस ने मंडी थाना सदर में आईपीएस की धारा 419 के तहत मामला दर्ज कर लिया है। यह मामला आरटीओ मंडी संतराम शर्मा की शिकायत पर दर्ज किया गया है। मंडी पुलिस ने अभी तक आईटी एक्ट की धारा के तहत मामले का पंजीकरण नहीं किया है। ऐसे में फिलहाल मामले की छानबीन मंडी थाना के अधिकारी ही करेंगे।
मंडी पुलिस ने गूगल सर्च ईंजन चलाने वाले अधिकारियों से साफ तौर यह पूछा है कि मंडी आरटीओ का मोबाइल नंबर किस सर्वर सहित किस लोकेशन और किस इंटरनेट से गूगल के सर्च ईंजन में लिखा गया है। बताया यह भी जा रहा है कि अगले दो दिनों के भीतर मामले से जुड़े हर तथ्य का जवाब गूगल के अधिकारी मंडी पुलिस को उपलब्ध करवा देंगे और उसके बाद ठगी के इस मास्टरमाइंड की पहचान पुलिस कर लेगी।
पुलिस सिर्फ गूगल सर्च ईंजन के अधिकारियों के जवाब का इंतजार कर रही है। इसी बीच पुलिस ने अपने स्तर पर भी जांच शुरू कर दी है और उन लोगों तक पहुंचने का प्रयास किया जा रहा है, जिन्होंने गूगल सर्च ईंजन पर दर्शाए गए मोबाइल नंबर पर बात कर घर बैठे ही काम हो जाने के झांसे में ठग द्वारा बताए बैंक खाते में पैसे डाल दिए हैं।
आरटीओ से होगी पूछताछ
मंडी पुलिस शिकायतकर्ता आरटीओ संतराम शर्मा से भी मोबाइल नंबर के सहारे हुई ठगी की शिकायत के संबंध में पूछताछ कर अपनी कार्रवाई को आगे बढ़ाएगी। मंडी पुलिस आरटीओ से यह जानने की कोशिस करेगी कि उन्हें इस ठगी की जानकारी किसने दी और क्या कोई ठगी का शिकार हुआ है, जिसको आरटीओ जानते हैं। फिलहाल आरटीओ ने मोबाइल नंबर के सहारे लोगों का गुमराह करने की शिकायत पुलिस के पास की है और इसके आधार पर ही केस दर्ज किया गया है।
मंडी पुलिस ने गूगल सर्च ईंजन के अधिकारियों से मोबाइल नंबर के संबंध में रिकॉर्ड मांग लिया है। मामला जर्द कर छानबीन शुरू कर दी है। मामले में जरूरत पड़ी तो आईटी एक्ट की धाराएं जोड़कर मामले की छानबीन आईटी सेल से करवाई जाएगी।
-पुनीत रघु, एएसपी मंडीगूगल सर्च ईंजन पर दर्शाए जा रहे आरटीओ के नाम बाले मोबाइल नंबर से कार्यालय का कोई लेना देना नहीं है। कार्यालय से जानकारी लेने के लिए दो अन्य नंबर जारी किए गए हैं। ऐसे में लोग गूगल पर दर्ज मोबाइल नंबर के झांसे में न आएं।
-संतराम शर्मा, आरटीओ मंडी