- जेबीटी-बीएड की कंबाइंड मेरिट बनाने का प्रस्ताव
- बीएड की सीटें होल्ड करना चाहती सरकार
प्रतिमा चौहान : शिमला
बहुचर्चित जेबीटी केस में राज्य सरकार अपने स्टैंड पर अड़ गई है। हाई कोर्ट से पारित आदेशों की पालना करते हुए सरकार ने अब बीएड को कंसिडर करने पर हामी भर ली है। हालांकि बड़ी बात है कि अब भी प्रदेश सरकार का झुकाव जेबीटी की तरफ साफ दिख रहा है। इस कड़ी में राज्य सरकार इस मामले को लेकर फिर से हाई कोर्ट में अपनी एप्लीकेशन मूव कर रही है। इसका ड्राफ्ट तैयार कर लॉ डिपार्टमेंट को ओपिनियन लेने के लिए भेजा गया है। इस प्रस्ताव में कोर्ट से जेबीटी-बीएड की कंबाइंड मेरिट बनाकर रिजल्ट तैयार करने की गुहार की सिफारिश है
। इसमें कहा गया है कि इसकी कंबाइंड मेरिट के बाद इसमें शामिल होने वाले बीएड कैंडीडेट्स का रिजल्ट अदालत से अंतिम फैसला आने तक रोकने की अनुमति दी जाए। इस प्रस्ताव के आधार पर कोर्ट से जेबीटी रिजल्ट को घोषित कर नियुक्ति देने की मांग की जाएगी। राज्य सरकार ने जेबीटी नियुक्ति के लिए यह बीच का रास्ता निकालते हुए हाई कोर्ट में इस प्रस्ताव के साथ एप्लीकेशन दायर करने की योजना बनाई है। इसके लिए लॉ डिपार्टमेंट के ओपिनियन का इंतजार किया जा रहा है। उधर इसी केस को लेकर प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय ने हमीरपुर कर्मचारी चयन आयोग को एक पत्र भेजकर हड़कंप मचा दिया। हालांकि इस पत्र की गंभीरता को देखते हुए निदेशालय ने अगले ही पल जेबीटी केस के इस पत्र को विड्रॉ कर लिया।
शनिवार को शिक्षा विभाग की ओर से जारी पत्र में कहा गया कि हाई कोर्ट के आदेशानुसार वर्ष 2018 की एनसीटीई की गाइडलाइन पूरा करने वाले बीएड अभ्यर्थियों को इसमें शामिल किया जाए। प्रारंभिक शिक्षा विभाग के निदेशक पंकज ललित ने पत्र जारी कर इस भर्ती प्रक्रिया में कमीशन को आउटकम निकालने को कहा था। वहीं हाई कोर्ट द्वारा 6 मई को दिए गए आदेशों के अनुसार इस पर रिपोर्ट भेजने को कहा गया था। प्रारंभिक शिक्षा विभाग का यह पत्र सोशल मीडिया पर भी काफी वायरल हुआ।
जेबीटी अभ्यर्थियों सहित शिक्षकों ने विभाग के इन आदेशों पर धन्यवाद भी प्रकट कर दिया था। लेकिन एक घंटे के बाद ही अपने ही ऑर्डर को प्रारंभिक शिक्षा विभाग ने विड्रॉ कर दिया। अब सवाल यह उठता है कि जब विभाग की ओर से यह पत्र कमीशन को जारी कर दिया था तो बाद में विड्रॉ कैसे हो गया। दूसरा सवाल यह भी उठता है कि प्रारंभिक शिक्षा विभाग की सरकारी वेबसाइट में चढऩे से पहले यह लेटर कैसे वायरल हो गया।
हाई कोर्ट ने सरकार पर छोड़ा फैसला
बता दें कि हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को जेबीटी भर्ती में बीएड को शामिल करना है या नहीं, यह फैसला सरकार पर छोड़ दिया है। ऐसे में अब सरकार बीएड को जेबीटी में तब शामिल कर सकती है, अगर कमीशन देने वाले बीएड अभ्यर्थियों ने टेट पास किया हो।