7 तक दे सकते हैं सुझाव, अगले महीने से आएगी नीति
अरविंद शर्मा। शिमला : प्रदेश सरकार अब नई खेल नीति को लागू करने से लोगों से सुझाव मांगे हैं। इसके लिए 7 दिसंबर तक सुझाव दिए जा सकते हैं। उसके बाद ही नई खेल नीति आएगी। सरकार ने खेल नीति को पब्लिक डोमेन से जोडऩे का निर्णय लिया है।
उल्लेखनीय है कि प्रदेश सरकार ने पिछले साल ही नई खेल नीति का ड्राफ्ट तैयार कर दिया था। अभी प्रदेश में 2001 की खेल नीति चल रही है, जिसमें सरकार और राज्य खेल विभाग ने हरियाणा राज्य की खेल नीति को स्ट्डी कर नई खेल नीति तैयार कर दी है। संशोधित खेल नीति के तहत प्रदेश में जितने भी खेल संघ हैं उन्हें लोकतांत्रिक तरीके से काम करने का पूरा अधिकार मिलेगा। खेल संगठनों में सरकारी हस्तक्षेप नहीं : एसोसिएशन में नियुक्तियों को लेकर भी सरकार कोई हस्तक्षेप नहीं करेगी। यह जरूरी है कि संबंधित खेल संघों में खिलाडिय़ों या पूर्व के खिलाडिय़ों को स्थान मिले।
पिछले कई वर्षों से खेल पर राजनीतिक दबाव होते देख खेल को राजनीति से दूर करने के लिए ही सरकार भविष्य में कोई भी खेल विधेयक नहीं लाएगी। गौरतलब है कि पूर्व की वीरभद्र सरकार ने हिमाचल प्रदेश क्रिकेट अकादमी के बहाने 19 खेल संघों पर कंट्रोल करने के लिए बिल पेश किया था, जिसे प्रदेश की वर्तमान सरकार ने वापस लिया। पूर्व सरकार ने सत्ता में आते ही खेल विधेयक को विधानसभा में पारित किया था, लेकिन राज्यपाल से मंजूरी नहीं मिलने के कारण लागू नहीं हो पाया। ऐसे में अब जयराम सरकार अगले महीने नई खेल नीति लागू करेगी।
नई खेल नीति में दिव्यांग भी शामिल
प्रदेश सरकार ने नई खेल नीति में दिव्यांगों को भी शामिल किया है। ऐसे में नई खेल नीति में विशेष बच्चों के लिए भी जिला, राज्य और राष्ट्रीय स्तर के खेल में बेहतर स्थान मिलेगा। इसके साथ-साथ सरकार ने विभिन्न साहसिक गतिविधियों में भाग लेने वाले पर्यटकों की सुरक्षा के लिए हिमाचल प्रदेश मिसलेनियस एडवेंचर एक्टीविटीज ड्राफ्ट रूल-2019 को स्वीकृति दी है। प्रदेश में जलकीड़ा गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए वाटर स्पोट्र्स एवं अलाइड एक्टीविटीज ड्राफ्ट रूल को भी मंजूरी दी गई।
स्पोट्र्स पॉलिसी-2001 में व्यापक संशोधन कर नीति तैयार कर दी गई है, जिसे जल्द ही लागू कर देंगे। सरकार ने नई खेल नीति में दिव्यांग और एडवेंचर स्पोट्र्स को भी शामिल किया है। अगले महीने सरकार नई खेल नीति लाएगी।
-गोबिंद सिंह ठाकुर, खेल मंत्री।