महाधिवक्ता ने कहा, कई हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल को किया सूचित, आयोग के चेयरमैन और सदस्यों की नियुक्ति को 4 माह का वक्त मांगा
हिमाचल दस्तक ब्यूरो। शिमला : प्रदेश में अब जल्दी ही मानवाधिकार कमीशन का गठन किया जाएगा। हाईकोर्ट द्वारा कड़े आदेश पारित करने के पश्चात बुधवार को राज्य सरकार के महाधिवक्ता ने अदालत के समक्ष बयान दिए कि प्रदेश में मानवाधिकार आयोग के चेयरमैन और सदस्यों की नियुक्ति बारे विभिन्न हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल को सूचित कर दिया गया है।
मुख्य न्यायाधीश एल. नारायण स्वामी और न्यायाधीश ज्योत्सना रिवाल दुआ की खंडपीठ ने राज्य सरकार को आदेश दिए कि वह लोकायुक्त की नियुक्ति बारे अदालत को अवगत करवाए। प्रदेश में लोकायुक्त की नियुक्ति किये जाने बारे राज्य सरकार ने चार महीनों का समय मांगा है। मामले पर पिछली सुनवाई के दौरान कोर्ट ने राज्य सरकार को आदेश दिए थे कि वह एक सप्ताह के भीतर अदालत को बताए कि सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के अनुसार राज्य में मानवाधिकार आयोग की स्थापना क्यों नहीं की गई।
न्यायालय के समक्ष दायर जनहित याचिका में यह आरोप लगाया गया है कि स्टेट ह्यूमन राइट कमीशन वर्ष 2005 से कार्य नहीं कर रहा है। राज्य सरकार की ओर से इसे क्रियाशील रखने के लिए जरूरी पदों पर नियुक्तियां नहीं की गई है जबकि पिछले 15 सालों में तीन बार सरकार बदल चुकी है जिससे लोगों के अधिकारों का हनन होने की स्थिति में उनको तुरंत न्याय दिलवाने के लिए कोई उपयुक्त फोरम नहीं है।
याचिका में ऐसे कई उदाहरण दिए गए हैं कि ह्यूमन राइट कमीशन का होने पर लोगों को गुहार लगाने के लिए अदालतों का सहारा लेना पड़ा। इसी तरह राज्य सरकार की ओर से लोकायुक्त का भी गठन नहीं किया गया है। जिस कारण लोकायुक्त के अधीन आने वाले मामलों पर कोई कार्रवाई नहीं हो पा रही है। मामले की आगामी सुनवाई मार्च 2020 में निर्धारित की गई है।