- कानून बदलने से पहले हरियाणा और गुजरात फॉर्मूले पर मंथन
- फीस तय करने की प्रक्रिया बदलेगी, पेनल्टी राशि बढ़ाई जाएगी
- आज कैबिनेट में नहीं आएगा केस, पर फैसला बजट सत्र में ही
सोनिया शर्मा। शिमला
प्रदेश में अब प्राइवेट स्कूलों की फीस भी सरकार तय कर सकती है। ठीक वैसे ही जैसे निजी विवि एवं प्रोफेशनल कॉलेजों की फीस सरकार से तय होती है। इसके लिए एक कमेटी बनाने का सुझाव बदले जा रहे कानून में दिया गया है। साथ ही सरकार द्वारा तय नियमों के उल्लंघन पर निजी स्कूलों पर पेनल्टी राशि बढ़ाने का भी प्रस्ताव है।
आजकल शिक्षा सचिव विधि विभाग के साथ उस कानून पर चर्चा कर रहे हैं, जिसे निजी स्कूलों पर फीस नियंत्रण के लिए संशोधित किया जा रहा है। हिमाचल प्रदेश प्राइवेट इंस्टीटयूशंज रेगुलेशन एक्ट 1997 में ये बदलाव चल ही रहे थे कि लॉ ने शिक्षा विभाग को इस बारे में हरियाणा और गुजरात के कानूनों के अध्ययन की सलाह दी है। वजह ये है कि यदि कानून ही नया करना हो तो भी इतनी ही प्रक्रिया ये गुजरना होगा। इसलिए अब फीस तय करने का अधिकार और पेनल्टी के प्रावधान जोड़े जा रहे हैं। इससे पहले केवल सीएम के माध्यम आडिट की रिपोर्ट ही फीस पर सरकार मांग रही थी।
लेकिन अब बात इससे आगे बढ़ गई है। इस मंथन के कारण अब मंगलवार को होने वाली कैबिनेट की बैठक में ये मामला नहीं आ रहा है। इसे बाद में बाई सर्कुलेशन अप्रूव करवाया जाएगा या फिर 6 मार्च से पहले होने वाली कैबिनेट में ये आएगा। लेकिन सरकार के आदेश हैं कि इसी बजट सत्र में इस बारे में कानून बदला जाएगा। ताकि अगले सत्र से फीस से संंबंधित कोई विवाद न रहे। इस मामले में विधि विभाग ने शिक्षा विभाग से कुछ क्लेरिफिकेशन मांगी थी।
विभाग ने सोमवार सुबह ही क्लेरिफिकेशन विधि विभाग को भेज दी है। इसलिए प्रक्रिया में अभी वक्त लगेगा। लेकिन इतना तय है कि 26 फरवरी से शुरू हो रहे विधानसभा के बजट सत्र में ये मसला जरूर आएगा। मंगलवार को कैबिनेट में शिक्षा विभाग की यदि प्रेजेंटेशन हुई तब इस मसले पर अनौपचारिक रूप से चर्चा हो सकती है।
बजट में आ सकते हैं डीएम-पीईटी के पद
शिक्षा विभाग ने वित्त विभाग को हाल ही में डीएम और पीईटी के 1000 पद फिर से भेजे हैं। इसमें दो विकल्प दिये गए हैं। या तो इन्हें भरने की अनुमति दे दें, क्योंकि इन्हें हाई और सीनियर सेकेंडरी स्कूलों में ही लगाया जाना है। या फिर इन्हें बजट में ही शामिल कर घोषित कर दिया जाए। चूंकि 26 फरवरी से अब विधानसभा का बजट सत्र शुरू हो रहा है, इसलिए उम्मीद है कि ये पद अब बजट में भी आ सकते हैं।
प्राइवेट स्कूलों की फीस के मामले में विधि विभाग से चर्चा जारी है। इसे अभी वक्त लगेगा। लेकिन इतना तय है कि आगामी बजट सत्र में ही कानून संशोधित होगा।
-राजीव शर्मा, शिक्षा सचिव