- इन्वेस्टर मीट के बाद अब 3 मुख्य मसलों पर सरकार का फोकस
- सिक इंडस्ट्री ऑनलाइन धारा 118 और लैंड बैंक पर रहेगा जोर
- एमओयू पर अब नोडल अफसर नहीं, विभागाध्यक्ष होंगे जिम्मेदार
हिमाचल दस्तक ब्यूरो। शिमला : धर्मशाला में हुई राज्य की पहली ग्लोबल इन्वेस्टर मीट के बाद अब 3 मुख्य मसलों पर जयराम सरकार का फोकस है। धर्मशाला में हुए इस कार्यक्रम तक करीब 94,000 करोड़ लागत के 615 एमओयू साइन हुए। इस निवेश को अब धरातल पर लाने के लिए कुछ और फैसले सरकार जल्द ले सकती है। चूंकि सरकार ने इसके लिए 27 दिसंबर की डेडलाइन तय कर दी है, इसलिए सरकारी महकमों के लिए एक भी दिन की राहत नहीं है।
सारे एमओयू को हिम प्रगति के जरिये मुख्यमंत्री कार्यालय मानीटर करेगा। धर्मशाला के आयोजन से मुख्यतया तीन मसलों की ओर सरकार का ध्यान निवेशकों ने भी खींचा है। सबसे पहला मसला है कि राज्य के पुराने बीमार उद्योगों को राहत देने का। इन्वेस्टर मीट के दौरान उद्यमियों ने इनकी मदद का आग्रह किया है, ताकि नए उद्योगों को मिलने वाली रियायतें इन्हें भी मिल जाएं। हालांकि इस पर सरकार को फैसला लेना है। पूर्व कांग्रेस सरकार के दौरान सिक इंडस्ट्री को राहत देने वाली पॉलिसी विवादित हो गई थी।
इसके अलावा धारा 118 की प्रक्रिया को पूरी तरह ऑनलाइन करने का काम भी अभी लंबित है। मंडी जिला को छोड़ अन्य जिलों में ये काम नहीं हो पाया है। इन्वेस्टर मीट के दौरान अधिकांश निवेशक इसी प्रक्रिया की दुविधा के कारण परेशान थे। इसके साथ ही जुड़ा मसला है लैंड बैंक का। जितनी लैंड विभाग या सरकार ने अभी तक इस बैंक में दिखाई है, क्या वह सही मायनों में उपलब्ध है या काम की भी है या नहीं? ये रिसर्च का विषय है। चूंकि मीट से पहले हर विभाग में सरकार ने नोडल अफसर लगाए थे, लेकिन अब चूंकि एमओयू हो चुके हैं, इसलिए क्लीयरेंस देने की जिम्मेदारी अब नोडल अफसर के बजाय विभागाध्यक्ष की होगी।
27 दिसंबर को मंडी में ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी संभव
धर्मशाला इन्वेस्टर मीट में ही मुख्य सचिव डा. श्रीकांत बाल्दी ने जयराम सरकार के दो साल पूरे होने पर 27 दिसंबर को पहली ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी करने का एलान कर दिया है। यानी साइन हुए एमओयू में से कुछ का शिलान्यास 27 दिसंबर को करवाया जाना है। इसलिए विभागों के पास काम को टालने का वक्त नहीं है। ये भी चर्चा है कि ये सेरेमनी अब मंडी में संभव है। जयराम सरकार के पहले साल का कार्यक्रम इससे पहले धर्मशाला में हो चुका है। अब मंडी में दूसरे साल का जश्न हो सकता है। ये मुख्यमंत्री का गृह जिला भी है।