शकील कुरैशी: शिमला
प्रदेश सरकार ने पिछले वित्त वर्ष में 31 मार्च तक जीएसटी से 3779.89 करोड़ रुपये की कमाई की है। हालांकि निर्धारित टार्गेट से यह कम राशि है मगर साल दर साल सरकार को जीएसटी में आय बढ़ रही है जोकि अच्छा संकेत है। इस साल जून महीने में केंद्र सरकार से मुआवजे की राशि मिलना बंद हो जाएगी लिहाजा यहां पर सरकार को ज्यादा से ज्यादा टैक्स कलेक्शन करनी होगी। ऐसे में नए शुरू हुए वित्त वर्ष में टार्गेट भी बढ़ा दिया गया है जिसे बढ़ाकर 4750 करोड़ रुपये कर दिया गया है। अहम बात है कि मंगलवार को विभाग ने जिलों की टैक्स कलेक्शन की समीक्षा की है जिसमें सामने आया है कि सिरमौर जिला एक बार फिर से सिरमौर बना है। पिछले साल भी सिरमौर जिला टैक्स जुटाने में सबसे ऊपर था और इस बार भी उसने अपना स्थान बरकरार रखा है।
सिरमौर ने जीएसटी कलेक्शन में 119.44 फीसदी की ग्रोथ दर्ज की है। यानि निर्धारित टार्गेट से ज्यादा की कमाई की गई जो 290.23 करोड़ रुपये है जबकि टॉर्गेट 243 करोड़ रुपये का था। दूसरे स्थान पर सोलन जिला बरकरार रहा है जिसने 102.39 फीसदी की ग्रोथ के साथ 740.27 करोड़ रुपये की राशि का जीएसटी कलेक्ट किया जिसे 723 रुपये का टार्गेट दिया गया था। दूसरे जिलों की बात करें तो शिमला को 812 करोड़ का टॉर्गेट था और उसने 672 करोड़ जुटाया जोकि टार्गेट से पीछे रहा है। वहीं बीबीएन बद्दी की बात करें तो उसे 435 करोड़ का टॉर्गेट था और उसने 380.91 करोड़ की वसूली की।
किन्नौर को 15 करोड़ का टार्गेट था और उसने 12.43 करोड़ जुटाए, मंडी ने 443 करोड़ के टॉर्गेट के मुकाबले में 384.67 करोड़, बिलासपुर ने 226 करोड़ के मुकाबले 203.47 करोड़, हमीरपुर ने 157 करोड़ के मुकाबले में 141.28 करोड़, कुल्लू ने 197 करोड़ की बजाय 157.17 करोड़, कांगड़ा जिला ने 318 करोड़ के मुकाबले में 280.23 करोड़, ऊना ने 318 करोड़ की जगह पर 202.71 करोड़ के जीएसटी का कलेक्शन किया।
नूरपुर को 126 करोड़ का टॉर्गेट था जिसने 113.51 करोड़ जुटाए वहीं चंबा ने 120 करोड़ रुपये के मुकाबले में 112 करोड़ रुपये की राशि जीएसटी में जुटाई है। इस तरह से पिछले वित्त वर्ष में आबकारी विभाग ने 3779.46 करोड़ रुपये की कुल राशि जीएसटी के रूप में उगाही है। बड़ी बात है कि सिरमौर और सोलन को छोड़कर किसी भी जिला ने अपना टॉर्गेट पूरा नहीं किया है जिससे वहां अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहे हैं।
अगला टार्गेट 4750 करोड़ रुपये का रखा
विभाग ने सभी जिलों के नए टार्गेट भी तय कर दिए हैं। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई बैठक में टार्गेट पूरा करने को कहा गया है। अगला टार्गेट 4750 करोड़ रुपये का रखा गया है। शिमला को 843 करोड़, सोलन को 930 करोड़, बीबीएन बद्दी को 479 करोड़, सिरमौर को 365 करोड़, किन्नौर को 16 करोड़, मंडी को 483 करोड़, बिलासपुर को 256 करोड़, हमीरपुर को 178 करोड़, कुल्लू को 198 करोड़, कांगड़ा को 352 करोड़, ऊना को 368 करोड़, नूरपुर को 143 करोड़ तथा चंबा को 141 करोड़ का टार्गेट निर्धारित हुआ है। यह कुल राशि 4750 करोड़ की बनती है जो जीएसटी के रूप में कलेक्ट की जाएगी।