- सरकार के आश्वासन पर आयोग ने नहीं बढ़ाया टैरिफ
- बिजली बोर्ड को 5730.02 करोड़ मंजूर
शकील कुरैशी : शिमला
बिजली उपभोक्ताओं पर अतिरिक्त बिजली के बोझ को सरकार ने वहन कर लिया है। इसके चलते विद्युत नियामक आयोग ने बिजली की दरों में इजाफा नहीं किया है क्योंकि बिजली बोर्ड को सरकार इसकी भरपाई करेगी। हिमाचल प्रदेश में साढ़े 18 लाख घरेलू बिजली उपभोक्ताओं के साथ कमर्शियल उपभोक्ता, उद्योगों और किसानों के लिए भी सरकार ने इस बार सब्सिडी रखी है, जिसके चलते बिजली महंगी नहीं हुई क्योंकि इनका टैरिफ रेट नियामक आयोग ने नहीं बढ़ाया है।
प्रदेश सरकार ने पहले उपभोक्ताओं को सब्सिडी के लिए 500 करोड़ की राशि रखी थी, मगर दरें बढऩे की संभावनाओं के चलते सरकार ने 250 करोड़ अतिरिक्त देने का वादा किया है। ऐसे में उपभोक्ताओं की सब्सिडी के रूप में अब सरकार को 750 करोड़ की अदायगी करनी होगी, जिससे बोर्ड को नुकसान नहीं होगा। बिजली बोर्ड के लिए नियामक आयोग ने अपने बुधवार को जारी किए गए टैरिफ में 5730.02 करोड़ की राशि रखी है। इसके साथ 60 यूनिट तक गरीबों को सरकार के एलान के मुताबिक बिजली मुफ्त की गई है जिनके लिए बिजली की दर 3 रुपये 50 पैसे प्रति यूनिट रखी गई थी। ये पूरा बोझ सरकार वहन करेगी। इसके अलावा किसानों को 30 पैसे प्रति यूनिट बिजली दी जाएगी, जिनका टैरिफ 3 रुपये 90 पैसे था। इसमें 3 रुपये 60 पैसे की सब्सिडी सरकार प्रदान करेगी। 0 से 125 यूनिट तक बिजली इस्तेमाल करने वाले उपभोक्ताओं को 1 रुपये प्रति यूनिट की दर से बिजली मिलेगी।
इसके दो स्लैब बनाए गए हैं, जिसमें एक पर 125 यूनिट तक एक रुपये प्रति यूनिट वसूले जाएंगे, जबकि दूसरे स्लैब में आने वालों पर 125 यूनिट तक ही 1 रुपये 85 पैसे प्रति यूनिट की दर प्रभावी होगी। इसमें 2 रुपये 30 पैसे सरकारी सब्सिडी होगी। 126 यूनिट से 300 यूनिट तक इस्तेमाल करने वालों के लिए टैरिफ रेट 5 रुपये 5 पैसे रखा गया है, जिस पर सरकारी सब्सिडी 1 रुपये 10 पैसे की मिलेगी और तब रेट 3 रुपये 95 पैसे प्रति यूनिट का लगेगा। 300 यूनिट से ज्यादा बिजली इस्तेमाल करने वाले घरेलू उपभोक्ताओं के लिए दरें 5 रुपये 65 पैसे रखी गई है, जिस पर 0.65 पैसे प्रति यूनिट सब्सिडी मिलेगी और तब 5 रुपये प्रति यूनिट की दर उनसे वसूल की जाएगी।
प्री पेड मीटर लेने पर मिलेगा 30 फीसदी रिबेट: गौ सेवा आयोग से संबद्ध सभी गौ सदनों व काऊ सेक्युअरी में इस्तेमाल होने वाली बिजली केवल 30 पैसे प्रति यूनिट की दर से ही मिलेगी। यहां पर भी पहले ज्यादा पैसे वसूले जाते थे। बिजली के स्मार्ट प्री पेड मीटर लेने वाले उपभोक्ताओं को भी आयोग ने 30 फीसदी रिबेट देने का एलान किया है। उनसे एनर्जी चार्ज के रूप में ली जाने वाली राशि 30 फीसदी कम वसूली जाएगी। नियामक आयोग ने पहली बार प्रदेश के छावनी क्षेत्रों को भी राहत दी है। उनके लिए अब भविष्य में घरेलू बिजली की दरें ही निर्धारित होंगे। पहले यहां पर कमर्शियल चार्ज लगते थे लेकिन अब कमर्शियल चार्ज केवल कमर्शियल इस्तेमाल पर ही लगेंगे।
लघु उद्योग : 4 रुपये 75 पैसे प्रति यूनिट बिजली
नॉन डोमेस्टिक, नॉन कमर्शियल श्रेणी में आने वाले उपभोक्ताओं के लिए बिजली की दर 5 रुपये रखी गई है, जिसमें सरकार 20 पैसे प्रति यूनिट सब्सिडी दे रही है। कमर्शियल उपभोक्ताओं के लिए 0 से 20 केवीए तक 5 रुपये 10 पैसे, 20 से 100 केवीए तक 4 रुपये 85 पैसे और 100 केवीए से ऊपर 4 रुपये 75 पैसे की दरें तय की गई हैं। इस श्रेणी को सरकार 20 पैसे प्रति यूनिट की सब्सिडी दे रही है। इसी तरह से लघु उद्योगों के लिए दरें 4 रुपये 75 पैसे व 4 रुपये 60 पैसे प्रति यूनिट की निर्धारित की है। मध्यम उद्योगों के लिए दरें 4 रुपये 60 पैसे प्रति यूनिट, बड़े उद्योगों के लिए 4 रुपये 20 पैसे से लेकर 4 रुपये 60 पैसे तक पुरानी दरें ही निर्धारित की गई हैं।
स्ट्रीट लाइट: 4 रुपये 95 पैसे की दर निर्धारित
इरीगेशन, ड्रिंकिंग व वाटर सप्लाई स्कीमों के लिए 4 रुपये 20 पैसे प्रति यूनिट से लेकर 5 रुपये प्रति यूनिट तक दरों का निर्धारण उनकी बिजली क्षमता के अनुरूप किया गया है। स्ट्रीट लाइट के लिए 4 रुपये 95 पैसे प्रति यूनिट की दर निर्धारित की गई है। इलेक्ट्रिक व्हीकल को बढ़ावा देने के नजरिये से इनके चार्जिंग स्टेशन की बिजली दरें भी निर्धारित कर दी गई हैं। इसकी पर्चेज कॉस्ट 2 रूपये 50 प्रति यूनिट की रहेगी और यही दरें इसपर प्रभावी रखी गई हैं।