बीबीएमबी में विस्थापित परिवारों को मिले नौकरी, ग्रामीण विस्थापितों ने प्रधानमंत्री को भेजा ज्ञापन
हिमाचल दस्तक। अनूप शर्मा : बिलासपुर : बिलासपुर में सोमवार को जिला ग्रामीण भाखडा विस्थापित सुधार समिति ने ग्रामीण विस्थापितों की समस्याओं को लेेकर उपायुक्त राजेश्वर गोयल के माध्यम से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर व बीबीएमबी चैयरमैन को ज्ञापन पे्रषित किया।
इस अवसर पर जिला ग्रामीण भाखडा विस्थापित सुधार समिति के प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे प्रधान देसराज शर्मा ने कहा कि वर्ष 1960 में भाखड़ा बांध बन जान के बाद न तो भाखड़ा विस्थापितों को सही ढंग से बसाया गया और न ही पुर्नवास के लिए कोई नीति बनाई गई। विस्थापितों को आस पास के जंगलों में बसाया गया। हालांकि कुछ लोगों को हरियाणा में भी बसाया गया। जिनमें वहां से कुछ परिवार वापिस आ गए। जो जंगलों में पुर्नवासित हो गए। उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा विस्थापन के 13 वर्ष बाद वर्ष 1971 में पुर्नवास के नियम शहर के लिए अलग और ग्रामीण के लिए अलग किए गए।
जिसके अनुसार जिन लोगों को भूमि दी गई। उन्हे सुचारू रूप से निशानदेही नहीं दी गई। जिस कारण लोगों की भूमि कहीं और है व बसे कहीं और हैं। इस समस्या के कारण विस्थापित परिवारों को विभिन्न समस्याओं से जूझना पड़ रहा है। इस प्रतिनिधि मंडल में शामिल लोगों ने आरोप लगाया कि बीते छह दशकों में कई सरकारें आई और चली गई। लेकिन किसी भी सरकार ने विस्थापितों के दर्द को समझने का प्रयास नहीं किया। इन लोगों ने कहा कि उन्हें झंडूत्ता चुनाव के विधायक जेआर कटवाल से यह उम्मीद जगी हैं कि वह उनकी समस्याओं को शीघ्र हल करवाने का प्रयास करवाएंगे।
उन्होंने सरकार से भाखड़ा विस्थापित क्षेत्र का बंदोबस्त करवाने,विस्थापितों व प्रभाावितो के काटे गए बिजली व पानी के कनेक्शनों को बहाल करवाने, पीने का पानी व सिंचाई के लिए गोविंद सागर झील से पर्याप्त पानी देने,विस्थापितों के बच्चों को बीबीएमबी में नौकरी के लिए आरक्षण देेने,बिजली का उत्पादन का हिमाचल प्रदेश सरकार को मिलने वाले 7.19 प्रतिशत हिस्से को विस्थापितों एवं प्रभाावितों को मूलभूत सुविधाओं पर खर्च करने, गोविंद सागर झील पर भंजवाणी, बैरीदडौला, बाला पुल,ज्योरपतन पुल, बबखाल पुल, बुखर से कोसरियां,गाह से चलैला,डैहण से नारल पुल तथा नंदगरांव से छंज्योटी पुल का निर्माण करने, गोविंद सागर झील को पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने सहित अन्य प्रमुख मांगों पर उचित कार्रवाई करने की मांग की है।