मेडिकल ऑफिसर एसोसिएशन भड़की बोली-जल्द दें एनओसी
शिमला:
राज्य सरकार अपने ही राज्य के बिलासपुर में खुलने वाले एम्स के लिए अपने डॉक्टर नहीं देगी। भारत सरकार के इस संस्थान में फैकल्टी के लिए राज्य के कई मेडिकल कॉलेजों से डॉक्टरों ने इंटरव्यू के लिए आवेदन किया हुआ है, लेकिन इन्हें एनओसी नहीं दिया जा रहा है।
अतिरिक्त मुख्य सचिव स्वास्थ्य के कार्यालय ने इस तर्क पर एनओसी न देने का तर्क दिया है कि इससे मेडिकल टीचर्स की कमी हो जाएगी, क्योंकि एम्स में जाने से इनका काडर बदल जाएगा और ये भारत सरकार के कर्मचारी होंगे। इस फैसले से राज्य मेडिकल ऑफिसर एसोसिएशन भड़क गई है। राज्य मेडिकल ऑफिसर संघ ने सरकार से मांग की है कि ऐसे डॉक्टरों को अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी कर दिया जाए, जिन्होंने बिलासपुर में खुलने वाले आयुर्विज्ञान संस्थान में फैकल्टी के साक्षात्कार के लिए आवेदन किया है।
संघ के अध्यक्ष डॉ. जीवानंद चौहान और महासचिव डॉ. पुष्पेंद्र वर्मा का कहना है कि इनको अनापत्ति प्रमाण पत्र सरकार द्वारा जारी नहीं किए जाने से ऐसा महसूस हो रहा है कि सरकार नहीं चाहती कि हमारे चिकित्सक एम्स जैसे बड़े संस्थानों में काम करें। जब सरकार के प्रशासनिक पदों पर बैठे अधिकारी और दूसरे विभागों के अधिकारी प्रतिनियुक्ति पर केंद्रीय सरकार में दिल्ली जैसे जगहों पर कार्य कर सकते हैं तो फिर चिकित्सकों को क्यों एम्स जैसे संस्थान जो कि प्रदेश के अंदर खुल रहा है, में काम करने से रोका जा रहा है।
यह सरासर चिकित्सक के मौलिक अधिकारों से जुड़ा हआ प्रश्न है कि क्या वे अपने प्रदेश के लोगों को एम्स जैसे नामी संस्थान में जाकर सेवाएं नहीं दे सकते? इससे चिकित्सकों का मनोबल टूटेगा। एसोसिएशन का कहना है कि बहुत से चिकित्सकों को अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी नहीं किए जा रहे हैं।
इन चिकित्सकों ने अपनी उच्च शिक्षा प्राप्त करने के बाद अपने बांड पीरियड को हिमाचल सरकार के साथ पूरा कर लिया है यानी कि वो 5 साल की सेवा पूरी कर चुके हैं, इसलिए अब वह अपने प्रदेश में खुलने वाले देश के नामचीन स्वास्थ्य संस्थान में सेवाएं देना चाहते हैं।
संघ ने आग्रह किया है कि जो लोग अपना बांड पीरियड पूरा कर चुके हैं और वे एम्स में साक्षात्कार देने की योग्यता रख रहे हैं, उन चिकित्सकों को जल्द से जल्द अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी किया जाए।
राज्य को मिले 200 नए एमबीबीएस डॉक्टर
टांडा, आईजीएमसी एमएमयू से आए नियुक्ति अगले हफ्ते देगी सरकार
करीब 350 डॉक्टरों की कमी झेल रही सरकार को बड़ी राहत मिलने वाली है। सरकार को मेडिकल कॉलेजों से पास आउट 201 डॉक्टर और मिले गए हैं। इनके दस्तावेज पहुंच गए हैं और इन्हें अब इस महीने अगले सप्ताह नियुक्ति दी जानी है। ये नियुक्ति अनुबंध आधार पर होगी, क्योंकि ये वॉक इन इंटरव्यू के मार्फत आए हैं। इनमें टांडा, आईजीएमसी और एमएमयू से पास आउट डॉक्टर शामिल हैं। वर्तमान में फील्ड में करीब 350 पद डॉक्टरों के खाली चल रहे हैं। इस नियुक्ति के बाद इन रिक्तियों में काफी कमी आएगी।