नई टूरिज्म पॉलिसी में पहली बार जुड़ा यह प्रावधान
रूरल टूरिज्म बढ़ाने के लिए वन भूमि भी बाधा नहीं
ग्लोबल इन्वेस्टर मीट से पहले एक और बड़ा फैसला
हिमाचल दस्तक ब्यूरो। शिमला : धर्मशाला में अगले महीने होने वाली ग्लोबल इन्वेस्टर मीट से पहले पर्यटन के क्षेत्र में राज्य सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। पहली बार नई पर्यटन नीति में ऐसे प्रावधान किए गए हैं, जिससे पर्यटन को ग्रामीण हिमाचल तक पहुंचाया जा सके। इसी के तहत अब राज्य ग्रामीण क्षेत्रों में नए होटल बनाने के लिए अप्रोच रोड और पानी पहुंचाने में मदद करेगा।
यह मदद सिर्फ वित्तीय नहीं, बल्कि जमीन और अन्य संसाधनों से संबंधित भी होगी। पहली बार यह प्रावधान हुआ है कि अप्रोच रोड के लिए यदि वन भूमि या सरकारी भूमि बाधा बनी होगी, तो वहीं से सड़क के लिए जमीन सरकार देगी। सड़क बनाने में होने वाले खर्च का 15 फीसदी या अधिकतम 25 लाख रुपये सरकार देगी। इससे होटल तक सड़क पहुंच पाएगी। इसके साथ ही यदि होटल के लिए पानी की स्कीम की जरूरत होगी तो खर्चा बेशक होटल मालिक देगा, लेकिन स्कीम आईपीएच विभाग बनाकर देगा।
इसमें भी सरकार 15 फीसदी या अधिकतम 25 लाख का योगदान करेगी। ऐसा प्रावधान होटल इकाइयों के लिए पहले कभी नहीं किया गया था। ऐसी सुविधा न मिलने के कारण इससे पहले होटल या रिजॉर्ट केवल शहरों के आसपास या सड़क किनारे ही बन पाए। इन्हें ग्रामीण क्षेत्रों में नहीं ले जाया जा सका। अब नई पर्यटन नीति का मकसद ही रूरल टूरिज्म को बढ़ावा देना है। इसलिए नई पर्यटन नीति 2019 में ऐसा प्रावधान किया गया है। यह भी रोचक है कि राज्य में पर्यटन को एक उद्योग का दर्जा कागजों में 1984 की पर्यटन नीति के साथ ही दे दिया गया था, लेकिन उद्योग की तरह की रियायतें अब पहली बार दी जा रही हैं। यह फैसला लेने में भी 35 साल लग गए।
राज्य में केवल एक लाख बैड कैपेसिटी
वर्तमान में हिमाचल के पास केवल एक लाख की बैड कैपेसिटी है। इसे करीब दोगुना करना जरूरी है। यह न केवल पर्यटकों की संख्या बढ़ाने के लिए जरूरी है, बल्कि इससे पर्यटकों को सस्ते कमरे भी मिलते हैं। इन्वेस्टर मीट के दौरान मुख्यमंत्री जब यूएई के दौरे पर गए थे तो दुबई के 40 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में ही एक लाख कमरे थे, जबकि इतनी कैपेसिटी पूरे हिमाचल की है। इससे पर्यटन नीति को नया रूप देने की जरूरत भी महसूस की गई।
राज्य में पर्यटन को नया रूप देने के लिए हर जरूरत का ध्यान नई पर्यटन नीति में रखा गया है। सरकार रूरल एरिया में टूरिज्म इकाई के लिए हर प्रकार की मदद देगी। अप्रोच रोड के लिए जमीन और पेयजल स्कीम के लिए मदद पहली बार दी जा रही है।
-डॉ. श्रीकांत बाल्दी, मुख्य सचिव
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