- अचानक आईजीएमसी पहुुंचे राज्यपाल, मरीजों से भी मिले
- गवर्नर ने आयुष्मान और हिमकेयर के लिए सरकार की तारीफ भी की
हिमाचल दस्तक ब्यूरो। शिमला : राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि अस्पताल मेें आने वाले रोगियों के साथ चिकित्सकों का मानवीय पहलु जरूरी है, जो उसे आत्मिक बल देता है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के सबसे पुराने इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में प्रदेश के हर हिस्से से आने वाले रोगियों की देखरेख तो हो रही है, लेकिन यहां स्टाफ की कमी और इसे विस्तार देने की आवश्यकता है।
राज्यपाल ने सुबह इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल का दौरा किया और रोगियों से स्वास्थ्य सुविधाओं की जानकारी प्राप्त की। उन्होंने परिसर का दौरा भी किया और यहां दी जा रही सुविधाओं का जायजा लिया। बाद में उन्होंने अस्पताल के विभिन्न संकायों के प्रमुखों के साथ बैठक कर उनकी समस्याओं को सुना। उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि आयुष्मान भारत योजना के अन्तर्गत प्रथम जनवरी से लेकर अब तक 8259 रोगियों का उपचार किया गया और प्रदेश सरकार द्वारा कार्यान्वित हिमकेयर योजना के तहत इस अवधि के दौरान 9144 रोगियों का उपचार किया गया।
राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि उनके इस दौरे का उद्देश्य यह है कि वह किस तरह स्वास्थ्य क्षेत्र में अपना योगदान दे सकते हैं और रोगियों की सहायता कर सकते हैं। राज्यपाल ने आपातकाल कक्ष, ट्रॉमा केंद्र, ऑपरेशन थियेटर, पुरुष अस्थि इत्यादि कई वार्डों का दौरा कर रोगियों से सुविधा संबंधी जानकारी ली।
उन्होंने बताया कि अस्पताल में करीब 400 स्टाफ नर्सें कार्यरत हैं जबकि आवश्यकता करीब 600 की है। इसी प्रकार 1.65 करोड़ के करीब मरम्मत और रखरखाव का बजट है। यह बजट बहुत कम है और सर्दियों में सेंट्रल हीटिंग सिस्टम का उपयोग होता है और यह सिस्टम करीब 20 से 22 साल पुराना है। यह बजट इनके रखरखाव में ही व्यय हो जाता है। इससे पूर्व आईजीएमसी के प्रधानाचार्य डॉ. मुकंद लाल तथा चिकित्सा अधीक्षक डॉ. जनक राज ने राज्यपाल को अस्पताल का दौरा करवाया। उन्होंने राज्यपाल को अस्पताल में उपलब्ध सुविधाओं की जानकारी दी।
एक ही फिजियोथेरेपिस्ट होने पर चिंता जताई
राज्यपाल ने इस बात पर चिंता जाहिर की कि अस्पताल में केवल एक फिजीयोथेरेपिस्ट है वह भी कांट्रेक्ट पर। उन्होंने इस संबंध में प्रधानाचार्य आईएमसी सरकार के समक्ष वास्तुस्थिति प्रस्तुत करने की सलाह दी और कम से कम 8 फिजीयोथेरेपिस्ट तैनात किए जाने का परामर्श दिया। विभिन्न संकायों के चिकित्सा प्रमुखों ने बंडारू दत्तात्रेय को स्टॉफ की कमी विशेष तौर पर तकनीकी स्टॉफ की कमी, संसाधनों की कमी, पुरानी मशीनों को बदलने, ऑपरेशन टेबल की कमी तथा बैड की संख्या बढ़ाने की बात कही।
संजौली-लक्कड़ बाजार रोड खुलना चाहिए
गवर्नर ने कहा कि अस्पताल में कार्यरत चिकित्सकों और गैर चिकित्सकों के लिए संजौली से लक्कड़ बाजार तक रोड को प्रतिबंधित क्षेत्र से मुक्त किया जाना चाहिए ताकि यहां कार्यरत कर्मी अपने वाहन अस्पताल परिसर तक बिना परमिट के ला सकें।राज्यपाल ने कहा कि अस्पताल में सुपर स्पेशियेलिटी पहलु को बढ़ाया जाना चाहिए। उन्होंने अस्पताल प्रशासन से कमियों और सुविधाओं को लेकर उन्हें विस्तृत रिपोर्ट देने को कहा। उन्होंने कहा कि वह इस संबंध में सरकार से बात कर उन्हें सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिए प्रयास करेंगे।