हिमाचल दस्तक। नाहन
श्री साई मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल एवं ट्रॉमा सेंटर नाहन के मनोचिकित्सा विभाग द्वारा एक ग्रुप थेरेपी का आयोजन किया गया। इस ग्रुप थेरेपी में 17 से 25 साल के युवाओं ने भाग लिया।
ये सभी लोग पिछले कई सालों से डिप्रेशन, स्ट्रेस और घबराहट से गुजर रहे थे। इसके चलते उनकी रोजमर्रा की जिंदगी में परेशानिया बढ़ती जा रही थी। जैसे कि पढ़ाई में मन न लगना, चिड़चिड़ा सुभाव, अत्यधिक गुस्सा, अकेले रहना आदि समस्याएं उत्पन होने लगी थी। वे पिछले कई महीनो से अस्पताल में मनोचिकित्सक से अकेले-अकेले थेरेपी ले रहे थे। वीरवार उन सभी युवाओं को एक साथ ग्रुप थेरेपी के लिए इकट्ठा किया गया।
मनोचिकित्सक मैथिली शेखर ने बताया कि हमारे पास नाहन व आस पास के क्षेत्रों से डिप्रेशन के शिकार बच्चे आ रहे है। उनको एक समूह में एक साथ बिठाकर हमने बातचीत करवाई, जिससे उनके भीतर छुपा डर, संकोच बाहर निकला गया। यह ग्रुप थेरेपी 45 मिनट की थी। इस में सभी की सहमति ली गई थी और उनकी व्यक्तिगत जानकारी को गोपनीय रखा गया।
सभी बच्चों ने आपस में चर्चा की। अपनी समस्याओं को खुल के सब के सामने रखी। उन्होंने ने बताया कि यह ग्रुप थेरेपी एक मंच है जहां लोग एक साथ आकर अपनी समस्याओं की चर्चा करते हैं। इससे व्यक्ति अपनी समस्या को दूसरे व्यक्ति के साथ रिलेट कर सकता है। इस से सेल्फ अवेयरनेस बढ़ती है। व्यक्ति एक दूसरे को समझने का प्रयास करते है। अपनी समस्याओं का समाधान निकलते हैं।उन्होंने बताया की इस प्रकार की चर्चा से नवयुवकों में बढ़ती आत्महत्या जैसी प्रवृति भी खत्म होती है। वो अपनी जिंदगी में सकारत्मक सोचते हैं।
इस चर्चा के माध्यम से उन्हें सकरात्मक सोच, विचार और व्यवहार सीखने को मिलता है। साथ ही युवाओं को अपनी मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता आती है। आज का हमारा ये सेशन बेहद अच्छा था जहा सभी लोगों ने निडर हो कर भाग लिया। उन्होंने कहा की नाहन क्षेत्र में मानसिक परेशनियों से आज हर दूसरा व्यक्ति जूझ रहा है। इस के प्रति हमें जागरूकता लानी चाहिए।