रोहित। शिमला
बहुचर्चित गुड़िया दुष्कर्म एवं हत्या मामले में दोषी ठहराए गए अनिल उर्फ नीलू चरानी को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। शुक्रवार को शिमला में सीबीआई की विशेष अदालत ने यह फैसला सुनाया है। सीबीआई की विशेष अदालत में मंगलवार को दोषी की सज़ा पर सुनवाई 15 जून को पूरी हो गई थी।
अभियुक्त नीलू को 15 जून को विशेष अदालत में पेश किया गया। विशेष न्यायाधीश राजीव भारद्वाज के समक्ष दोषी की सज़ा को लेकर अभियोजन व बचाव पक्ष के वकीलों के बीच बहस हुई।
अभियोजन की ओर से सीबीआई के अधिवक्ता ने बहस करते हुए अदालत से कहा कि यह मामला रेयर ऑफ रेयरेस्ट (जघन्य तरीका) का है। आरोपी का आपराधिक इतिहास भी रहा है। उन्होंने अदालत से आरोपी को मृत्युदंड की सजा देने का आग्रह किया।
वहीं दूसरी ओर बचाव पक्ष के अधिवक्ता ने कहा कि रेयर ऑफ रेयरेस्ट का मामला नहीं बनता है और मृत्युदण्ड की बजाय उम्र कैद या कैद की सज़ा दी जाए। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद न्यायाधीश राजीव भारद्वाज ने सज़ा सुनाने के लिए 18 जून यानी शुक्रवार की तारीख तय की थी। इस दौरान नीलू को उम्र कैद की सजा सुनाई गई।
अदालत ने 28 अप्रैल 2021 को भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं और बच्चों के यौन अपराध से संरनीलू चरानी को क्षण कानून (पॉक्सों) अधिनियिम की धारा 4 के तहत नीलू को दुष्कर्म व हत्या का दोषी करार दिया था।
अदालत ने 11 मई को दोषी को सजा सुनाने की तिथि निर्धारित की थी, लेकिन कोरोना कर्फ्यू के कारण मामले की सुनवाई 18 मई को बढ़ा दी थी। 18 मई को सुनवाई 28 मई, तीन जून, आठ जून और फिर 15 जून को आगे बढ़ा दी गई।
उल्लेखनीय है कि अप्पर शिमला के कोटखाई इलाके में वर्ष 2017 में जुलाई माह के पहले सप्ताह में जघन्य वारदात हुई थी। 4 जुलाई, 2017 को एक छात्रा स्कूल से लौटते समय लापता हो गई थी। 6 जुलाई 2017 को कोटखाई के तांदी के जंगल में पीड़िता का शव मिला। जांच में पाया गया कि छात्रा की दुष्कर्म के बाद हत्या कर दी गई थी। छात्रा को बड़ी बर्बरता से मौत के घाट उतारा गया था।
किशोरी के साथ दरिंदगी की इस वारदात के खिलाफ जबरदस्त जनाक्रोश देखने को मिला था। लोगों ने तब इस मामले में कड़ी कार्रवाई की मांग को लेकर सड़क पर उतरकर आंदोलन किया था। छानबीन के बाद पुलिस ने 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया था। इनमें एक आरोपी सूरज की लॉकअप में हत्या कर दी गई।
आक्रोशित लोगों का पुलिस पर गुस्सा फूटा और भीड़ ने कोटखाई थाने को आग के हवाले कर दिया था। प्रदेश हाईकोर्ट ने मामले की जांच सीबीआई के सुपुर्द कर दी। सीबीआई ने गुड़िया रेप-मर्डर और सूरज हत्याकांड में दो अलग-अलग मामले दर्ज किए। सीबीआई ने सूरज हत्याकांड में आईजी जैदी सहित नौ पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों को गिरफ्तार किया था। बाद में इस मामले में एक नया मोड़ आया और इन सभी आरोपियों को जेल से रिहा कर दिया गया।
सीबीआई ने डीएनए परीक्षण के आधार पर अप्रैल 2018 को नीलू नामक लकड़हारे को गिरफ्तार किया था। सीबीआई ने मामले की जांच के दौरान कोटखाई और आसपास के गांवों के सैकड़ों लोगों से पूछताछ की थी तथा बड़ी संख्या में लकड़हारों के खून के नमूनों भी लिए गए थे। इस मामले में सीबीआई ने 55 गवाहों के बयान दर्ज किए।