हिमाचल दस्तक। नाहन
पच्छाद विधानसभा क्षेत्र की लानाबाका पंचायत में ओलावृष्टि के कहर ने लोगों की टमाटर की फसल को पूरी तरह तबाह कर दिया। इसके चलते बीते तीन महीनों की किसानों की मेहनत पर पानी फिर गया है। बता दें कि बीते रविवार सायं हुई बारिश और ओलावृष्टि से यह बताही हुई है। अब किसानों को आगामी समय की चिंता सताने लगी है। गौरतलब है कि सैनधार क्षेत्र में इन दिनों नकदी फसलों का लगाने का कार्य चला हुआ है। सबसे पहले किसानों द्वारा टमाटर लगाया जाता है। इस पर मौसम ने अपनी बेरूखी का कहर कुछ इस तरह बरपाया है कि सैंकड़ों बीघा में लगी किसानों की फसल बिल्कुल नष्ट हो गई है।
हिमाचल किसान सभा की क्षेत्रीय कमेटी बागथन, लाना बाका के संयोजक गणेश शर्मा, एवम सह संयोजक आशीष कुमार ने बताया कि लाना बाका पंचयात और आसपास के कृष्ण दत्त, राकेश, चंद्रमणि , कमल, अमित , राजेश सहित सैंकड़ो किसानों की टमाटर की फसल बीते रविवार को ओला वृष्टि से तबाह हो गई। आशीष कुमार ने बताया कि किसानों की पूरी तीन महीने पर पानी फिर गया है। पहले ही किसान सूखे की मार से झेल रहे थे परन्तु जब बारिश की उम्मीद हुई तो ओला वृष्टि ने फसल को ही तबाह कर दिया। इससे किसानों में काफी निराशा है। क्योंकि किसानों को टमाटर के बीज का 1 पैकेट 1000 से 1500 रुपए तक मिलता है। इसके इलावा किसानों की मेहनत और कीटनाशकों का छिडक़ाव आदि बहुत ही महंगा पड़ता है।
फसलों के साथ-साथ किसानों की उम्मीदों को भी इस ओला वृष्टि ने चूर चूर कर दिया। हिमाचल किसान सभा का मानना है कि किसानों का लाखों का नुकसान हो गया। पूरे साल के लिए अपना जीवन गुजर बसर के लिए जो फसल से साधन उत्पन होने थे वे एक ही झटके में खत्म हो गए। आशीष कुमार ने बताया कि जितनी फसल बर्बाद हुई है उससे किसानों पर दोहरी मार पड़ी है। लाखों की फसल तबाह हो गई। उतनी ही फसल तैयार करने के लिए किसानों को दोबारा महंगा बीज खाद खरीदनी पड़ेगी हिमाचल किसान सभा मांग करती है कि प्रशासन किसानों के नुकसान का मूल्यांकन कर मुफ्त में बीज और खाद की व्यवस्था करे ताकि किसानों को आर्थिक नुकसान से बचाया जा सके