शिमला।
शनिवार को राज्य सचिवालय में मौजूद कृषि मंत्री डॉ. रामलाल मार्कंडेय ने सामान्य प्रशासन विभाग यानी जीएडी के अफसरों को खूब फटकार लगाई। मंत्री अधिकारियों पर इतना आग-बबूला थे कि अधिकारियों को भी कोई जवाब नहीं सूझ रहा था।
मसला था जनजातीय क्षेत्र लाहौल के लिए हेलिकॉप्टर न भेजने का। बीते शुक्रवार को बर्फ की कैद में इलाज के लिए बेबस छह मरीजों को म्याड़ से उपचार के लिए रेफर किया गया। सभी मरीज पीठ पर या स्ट्रेचर पर तिंगरेट हेलीपैड लाए गए। मरीज व उनके तीमारदार काफी देर तक तिंगरेट में हेलिकॉप्टर का इंतजार करते है, लेकिन उनकी उम्मीदों पर तब पानी फिरा, जब उन्हें सूचना मिली कि हेलिकॉप्टर नहीं आएगा। बताया गया कि खराब मौसम के कारण हेलीकाप्टर उड़ान नहीं भर पाया।
इसलिए मरीजों को मायूस लौटना पड़ा। कृषि मंत्री ने जीएडी अधिकारियों को भविष्य में ऐसा न करने की नसीहत दी। हालांकि बाद में कृषि मंत्री ने बताया कि शनिवार को मरीज तिंगरेट हेलीपैड से एयरलिफ्ट किए गए हैं। एक मरीज को रविवार को एयरलिफ्ट किया जाएगा।