पिछले तीन वर्ष से बीमार, दवाई लेने के लाले, बहन के घर मेें रहने को मजबूर, नहीं मिल पाई सरकारी मदद
सुलिंद्र सिंह। संतोषगढ़ : एक गरीबी ऊपर से बीमारी ने हरोली विस के तहत ग्राम पंचायत खड्ड के 54 वर्षीय भजन लाल को पूरी तरह लाचार बना दिया है। हालत यह है कि भजन लाल को एक-दूसरे की ही मदद का सहारा है। पिछले तीन वर्ष से बीमार होने के चलते कोई मजदूरी न कर पाने के कारण दवाई लेने के भी लाले पड़ गए हैं।
ऐसे में गरीबों व वृद्धों का मसीहा बताने वाले जिला प्रशासन भी पीडि़त भजन लाल के लिए कोई सरकारी मदद नहीं पहुंचाई है। जिसके चलते भजन लाल को अपने बहन के घर पनाह लेने पर मजबूर होना पड़ा है। बहन भी बीपीएल परिवार से संबंध रखती है, जो भाई की देखभाल तो कर सकती है, लेकिन बीमारी का इलाज करवाने में असमर्थ है। ऐसे में अब भजन लाल जैसे-तैसे दिन काट रहा है। बता दें कि खड्ड निवासी भजन लाल करीब तीन वर्ष से बीमार है और एक माह पहले गुल्हे में चोट लगने के चलते बिस्तर पर ही है।
हिमाचल दस्तक की टीम ने भजन लाल के घर पहुंच दुख भरी दास्तां सुनी। भजन लाल ने बताया कि माता का देहांत 1980 व पिता 1984 में स्वर्ग सिधार गए थे। भजन लाल की दो छोटी बहनें है, उनकी शादी हो चुकी है। भजन लाल घर में अकेला रहता है। भजन लाल को 3 वर्ष पहले पैरालाइज का अटैक हो गया था, जिसके चलते कोई काम नहीं कर सकता और न ही वह कोई मजदूरी कर सकता है। एक चोट लगने की वजह से विस्तर पर है।
भजन लाल घर में अकेला रहता था, उसकी देखभाल करने के लिए घर में कोई न होने से उसकी बहन अपने घर हरोली लेकर आई है। लेकिन बहन भी गरीब होने के कारण भजन लाल का इलाज नहीं कर पा सकती है। जबकि भजन लाल के इलाज पर करीब 80 हजार रूपए खर्च आएगा। भजन लाल का मकान भी कच्चा है। बावजूद इसके बीपीएल श्रैणी में नहीं आता। ऐसे में भजन लाल को अभी तक सरकारी कोई भी मदद नहीं मिली। अगर जिला प्रशासन द्वारा कोई सरकारी मदद मिलती है, तो भजन लाल अपना उपचार करवा सकता है।
चाचा ने जमीन नाम करवा भी नहीं करवाया उपचार
बहन की माने तो 10 व 11 वर्ष पहले चाचार ने मेरे भाई से जमीनी कागजात पर साइन करवा लिऐ थे। चाचे ने यह बोल कर साइन करवाऐ थे कि हम भजन लाल का इलाज करवाऐंगे, लेकिन अब वह इलाज करवाने से साफ इंकार कर रहा है। उन्होंने बताया कि मेरे भाई के हिस्से की 2 कनाल 10 मरले जमीन अपने नाम करवा ली हुई है।