कर्मचारी मुद्दों पर केंद्र व राज्य सरकारों पर बनाया जाएगा दबाव
प्रधानमंत्री को सौंपा जाएगा हड़ताल के बाद मांगों का ज्ञापन
हिमाचल दस्तक। मंडी
राष्ट्रीय राज्य कर्मचारी महांसघ के अखिल भारतीय अध्यक्ष विपिन कुमार डोगरा के नेतृत्व में हिमाचल अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के 100 कर्मचारी नेता शनिवार को दिल्ली रवाना हो गए। इनमें एनजीओ फैडरेशन के राज्य और जिला स्तरीय कर्मचारी प्रतिनिधि भी शामिल हैं। यह जानकारी हिमाचल अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के प्रदेशाध्यक्ष एनआर ठाकुर ने दिल्ली जाने से पहले दी। उन्होंने कहा कि 14 अक्तूबर को सदैव अटल स्मृति स्थल दिल्ली में रखे गये एक दिवसीय उपवास में देश के सभी राज्यों के कर्मचारी नेता हिस्सा लेंगे।
ठाकुर ने कहा कि एक दिन की इस भूख हड़ताल का मकसद कर्मचारी मुद्दों पर सरकार का ध्यान खींचना है ताकि केंद्र और राज्य सरकारें कर्मचारी विरोधी निर्णय लेना बंद करें। ठाकुर ने कहा कि यह हड़ताल राष्ट्रीय सरकारी कर्मचारी परिसंघ से जुड़े 6 बड़े महासंघों मसलन राष्ट्रीय राज्य कर्मचारी महासंघ, केंद्रीय कर्मचारी महासंघ, रेलवे कर्मचारी महासंघ, पोस्टल कर्मचार महासंघ प्रतिरक्षा कर्मचारी महासंघ तथा स्वायतशासी कर्मचारी महासंघ द्वारा आयोजित की जा रही है और इसमें देशभर के विभिन्न कर्मचारी यूनियनों और संघों के कर्मचारी प्रतिनिधि शिरकत करेंगें।
कर्मचारियों की मुख्य मांगों में पुरानी पैंशन बहाली, देश के सभी राज्यों में सेवानिवृति आयु, वेतनमान व अन्य सुविधाएं एक समान करना, आय कर सीमा 8 लाख बढ़ाना, न्यूनतम आय 28 हजार करना, ठेका, मानदेय व आऊटसोर्सिंग के अंतर्गत हो रही भर्तियों को बंद करके उनकी जगह नियमित नियुक्तियां करना, अंधाधुंध निजीकरण को रोककर लाखों खाली पड़े पदों को भरना, लाभ न्यायालय के निर्णय अनुसार सभी कर्मचारियों को देना आदि शामिल है। ठाकुर ने कहा कि हड़ताल के बाद मांगों पर तैयार किये गये ज्ञापन को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सौंपा जाएगा। यदि न्यायोचित मांगों पर विचार नहीं किया गया तो 22 से 24 नवंबर में भुवनेश्वर (उड़ीसा) में होने वाली राष्ट्रीय बैठक में आगामी रणनीति तैयार की जाएगी।